भारत के लद्दाख से सटी सीमा के पास चीन का एक एयरबेस है, होतान। यहां चीनी वायुसेना की गतिविधियां अक्सर देखने में आती रही हैं, खासकर 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से इस एयरबेस पर सैनिकों के जमावड़े और कुछ नया बनाने का इशारा मिलता रहा है। अब सैटेलाइट तस्वीरों ने एक नया खुलासा किया है। उक्त एयरबेस पर जहां एक छोटा रनवे होता था, अब उसके साथ ही एक उससे भी बड़ा रनवे बनकर तैयार हो गया है। इससे संकेत मिलता है कि आने वाले वक्त में कम्युनिस्टों की फौज इस क्षेत्र में कोई बड़ी शरारत कर सकती है। लेकिन संतोष की बात यह है कि आज भारत के केन्द्र में जो सरकार है वह पूरी तरह सतर्क और चीजों को पहले से समझने का माद्दा रखती है।
लद्दाख से सटे चीन के इलाके को लेकर यूं भी भारत की सेना पहले से अधिक सतर्क है और चीनियों को भी समझ आ गया है कि मोदी सरकार के शासन में सीमाओं की चौकसी चाकचौबंद है, अब नेहरू और उसके बाद की कांग्रेस सरकारों जैसे सीमाओं को असुरक्षित रहने देने का जमाना चला गया है।
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इसी सीमा पर चीन काफी वक्त से कई प्रकार के निर्माण करता देखा गया है। 2020 में चीन की घुसपैठ की कोशिशों का भारतीय सैनिकों द्वारा मुंहतोड़ जवाब देने के बाद से ही लद्दाख में तनाव चल रहा है, इस बीच चीन ने गुपचुप होतान एयरबेस पर नए रनवे का निर्माण करके भारत की उन आशंकाओं को पुष्ट कर दिया है कि वह बातचीत की आड़ में अपनी सैन्य संचालन में ढिलाई नहीं बरतेगा।
पता चला है कि यह नया बना रनवे अब काम में लिया जाने लगा है। माना जा रहा है कि नए बने बड़े रनवे को चीन आने वाले वक्त में सैन्य अवागमन के लिए प्रयोग करने वाला है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है पहले वाले रनवे को अब नागरिक सेवा के लिए देने की तैयारी। होतान एयरबेस पर अब जो नया रनवे बनकर तैयार हुआ है वह 3700 मीटर चोड़ा बताया गया है। इसी रनवे की सैटेलाइट तस्वीरें ओपन सोर्स विश्लेषक डेमियन साइमन ने सामने रखी हैं।
उल्लेखनीय है कि 2020 में गलवान में चीनी घुसपैठ के बाद हुए हिंसक संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों ने अपना बलिदान दिया था। जैसा पहले बताया, उस संघर्ष में बुरी तरह पिटने के बाद, चीन ने वहां अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं। यही वजह है कि होतान एयरबेस पर पहले से बना रनवे छोटा पड़ने लगा था। इसलिए नए रनवे पर काम शुरू किया गया। अब लगभग चार साल के बाद इस रनवे के बन जाने का खुलासा हुआ है। भारत के लिए चिंता की बात है कि कम्युनिस्ट ड्रैगन का यह एयरबेस भारत की सीमा के बहुत नजदीक है। अब इस होतान एयरबेस पर दो रनवे तैयार हैं और दोनों ही काम में लिए जा रहे हैं।
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जैसा पहले बताया, चीन के इस नए रनवे की लंबाई 3700 मीटर है। पुराने वाले रनवे की लंबाई 3200 मीटर है। नए रनवे की लंबाई ज्यादा होने से विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इसे सेना के उपयोग के लिए रखा जाएगा। इस रनवे पर छोटे लड़ाकू विमान और बड़े सैन्य विमान उतारे जा सकते हैं।
भारत से सटी इस संवेदनशील सीमा के निकट चीन के इस बड़े एयरबेस पर चीन के लड़ाकू विमान जे-20 फाइटर जेट, शेनयांग जे-8 इंटरसेप्टर विमान, शनाक्सी वाई-8जी तथा केजे-500 अवाक्स सिस्टम तैनात किए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में चीनी लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास कुछ शरारती हरकतें कर सकते हैं।
लद्दाख के एकदम नजदीक यह होतान एयरबेस वही है जहां चीन ने पहले से कई लड़ाकू विमान और रक्षा तंत्र जमाया हुआ है। लद्दाख में लेह से यह होतान एयरबेस सिर्फ 382 किलोमीटर दूर है। इस एयरबेस को चीन नागरिक सेवाओं के लिए भी इस्तेमाल करता रहा है। इसी एयरबेस के पास सेना की जरूरत के कई भवन भी खड़े किये जा चुके हैं और इस संबंध में पहले विस्तार से बताया जा चुका है।
भारत से सटी इस संवेदनशील सीमा के निकट चीन के इस बड़े एयरबेस पर चीन के लड़ाकू विमान जे-20 फाइटर जेट, शेनयांग जे-8 इंटरसेप्टर विमान, शनाक्सी वाई-8जी तथा केजे-500 अवाक्स सिस्टम तैनात किए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में चीनी लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास कुछ शरारती हरकतें कर सकते हैं।
लेकिन यहां यह भी ध्यान रखना चाहिए कि भारतीय सेना चीन की इन शरारतों के बारे में मुस्तैद है। हमारे यहां भी रक्षा तंत्र लगातार चुस्त बना हुआ है। भारत की वायुसेना भी लगातार युद्धाभ्यासों में रत है। भारत के सेनाध्यक्ष और वायुसेनाध्यक्ष कई अवसरों पर कह चुके हैं कि भारत दुश्मन देश की किसी भी शरारत का फौरन मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में है। लेकिन तो भी भारत का यह सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।
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