कंगाल पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। कई मौकों पर अपनी अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती करवाने के बाद भी पाकिस्तान कश्मीर राग अलापता रहता है। इसी क्रम में उसने इस बार सऊदी अरब से कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश करते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को हल करने का आह्वान किया है। बावजूद इसके कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। इस बात को भारत सरकार कई बार स्पष्ट कर चुकी है।
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ईद से पहले सऊदी अरब के दौरे पर हैं। खबर ये है कि वो वहां पर कर्ज लेने के इरादे से गए हैं। अपनी इसी यात्रा में पाकिस्तानी पीएम ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान से मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर ये बात कही।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शाहबाज शरीफ ने कश्मीर के मुद्दे को उठाते हुए कहा था, ‘नेशनल असेंबली को कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों की आजादी के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए।’
दोनों देशों में नहीं हैं एक-दूसरे के राजदूत
गौरतलब है कि पठानकोट और उरी आतंकी हमलों के बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सभी रिश्ते को तोड़ लिया था। इसी के बाद से दोनों ही देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। खास बात ये है कि पाकिस्तान जिस सऊदी अरब के साथ मध्यस्थता की वकालत करवा रहा है उसके भारत के साथ अधिक प्रगाढ़ संबंध हैं। इसके अलावा प्रिंस सलमान ने सितंबर 2023 में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया था जहां भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) लॉन्च किया गया था। आईएमईसी एक आर्थिक गलियारा है जिसका उद्देश्य भारत को खाड़ी क्षेत्र और इज़राइल के माध्यम से यूरोप से जोड़ना है।
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