चीन परस्त सरकार के शासन तले मालदीव के मंत्री अपने बड़बोलेपन और बेतुके बोलों के लिए जाने जाते हैं। गत दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध अपमानजनक बातें करके इस्तीफा देने को मजबूर किए गए तीन मंत्रियों के बाद एक और मुस्लिम महिला मंत्री ने भारत के प्रति घटिया व्यवहार का प्रदर्शन किया। इस मंत्री मरियम शिउना ने न सिर्फ भारत के विरुद्ध जहर उगला है बल्कि भारत तथा भाजपा को बदनाम करने वाला ऐसा पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा किया जिसमें भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को भी अपमानित किया गया था।
मालदीव की इस मुस्लिम मंत्री मरियम शिउना ने 6 अप्रैल को अपनी पार्टी पीपीएम के प्रति समर्थन और विपक्षी दल एमडीपी के विरोध में अपनी मुहिम में एक ऐसी पोस्ट साझा की जिसमें भारत के तिरंगे में बने अशोक चक्र को अपमानित करते हुए लिखा था कि ‘एमडीपी उनके (भारत के) शिकंजे में फंस रही है, हमें (यानी मालदीव को) फिर से उनके शिकंजे में नहीं फंसना है।’
यहां ध्यान रहे कि शिउना ने यह पोस्टर विपक्षी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के चुनावी अभियान वाले पोस्टर को बिगाड़ कर बनाया था। एमडीपी के उस पोस्टर में जिस जगह एक कम्पास बना था, उस जगह शिउना के फर्जी पोस्टर में भारत के तिरंगे के अशोक चक्र को लगाया गया था। इसमें शक नहीं कि शिउना की यह कोशिश भारतीय झंडे को अपमानित करने की थी।
इतना ही नहीं, नफरती मंत्री शिउना ने अपने उस पोस्टर में अशोक चक्र के साथ ही भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल को भी प्रदर्शित किया था। कमल को एमडीपी के चुनाव चिन्ह के साथ लगाया गया था। यानी वे दिखाना चाहती थीं जैसे भाजपा और एमडीपी में कोई गठबंधन हो। यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि विपक्षी पार्टी एमडीपी मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा अपनाई जा रहीं भारत विरोधी नीतियों की विरोधी है।
शिउना की कूटनीतिक और विदेश मामलों की समझ शायद न के बराबर है। क्या वह नहीं जानतीं कि भारत ने अपनी ओर से सब बातों को परे रखते हुए हाल ही में मालदीव को जरूरी चीजें भेजने को हरी झंडी दिखाई है। भारत की ओर से दाल, चावल तथा दूसरी कई खाद्य सामग्रियों के मालदीव के अनुरोध को स्वीकार करते हुए यह कदम उठाया गया है। इस बात के लिए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के प्रति ‘ईमानदारी’ से आभार जताया है।
इस पोस्टर और पोस्ट पर मंत्री शिउना का जबरदस्त विरोध हुआ। ऐसा विरोध कि शायद शिउना ने कल्पना नहीं की होगी। आनन—फानन में शिउना ने वह पोस्टर पोस्ट से हटा दिया। उनकी उस पोस्ट पर गुस्सा जताते हुए लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक ओर तो मालदीव भारत से मदद की गुहार करता है तो वहीं उसकी सरकार के मंत्री भारत के लिए जहर उगलते हैं, उसका अपमान करने की हिमाकत करते हैं।
शिउना की कूटनीतिक और विदेश मामलों की समझ शायद न के बराबर है। क्या वह नहीं जानतीं कि भारत ने अपनी ओर से सब बातों को परे रखते हुए हाल ही में मालदीव को जरूरी चीजें भेजने को हरी झंडी दिखाई है। भारत की ओर से दाल, चावल तथा दूसरी कई खाद्य सामग्रियों के मालदीव के अनुरोध को स्वीकार करते हुए यह कदम उठाया गया है। इस बात के लिए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के प्रति ‘ईमानदारी’ से आभार जताया है। इसके बावजूद शिउना की ऐसी हरकत आम लोगों के गले नहीं उतरी।
मालदीव में वर्तमान मोहम्मद मुइज्जू सरकार 2023 के चुनाव के बाद बनी है। मुइज्जू चीन की तरफ झुकाव रखते हैं। हाल में वे पांच दिन के लिए चीन भी गए थे। उनका चुनाव अभियान भी भारत विरोध पर टिका था। शायद इस सरकार की ऐसी सोच की वजह से ही भारत और मालदीव संबंध सबसे निचले स्तर पर चल रहे हैं।
मरियम शिउना मालदीव की युवा, सूचना तथा कला मामलों की उप मंत्री हैं। वे उन तीन मंत्रियों में से एक थीं जो भारत के प्रधानमंत्री के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करके पूरे भारत के आक्रोश के केन्द्र में थे। शिउना और सत्तारूढ़ पार्टी के दो और नेताओं को निलंबित किया गया था। इस विवाद को लेकर भारतवासियों में इतना गुस्सा पैदा हुआ कि उन्होंने मालदीव न जाने की कसमें खा लीं और वहां की अर्थव्यवस्था घुटनों पर आ गई।
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