स्वास्थ्य दिवस पर विशेष : सेहत को जंक लगाता जंकफूड
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम स्वास्थ्य

स्वास्थ्य दिवस पर विशेष : सेहत को जंक लगाता जंकफूड

आज की भागमभाग वाली अत्याधुनिक जीवनशैली में फास्ट फूड का चलन सभी वर्गो में तेजी से बढ़ रहा है लेकिन चंद मिनटों में डिलीवरी की सुविधा ने इसे नौकरीपेशा वर्ग और युवाओं में खासा लोकप्रिय बना दिया है।

by पूनम नेगी
Apr 7, 2024, 12:01 pm IST
in स्वास्थ्य
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

90 के दशक में भारत में शुरू हुए आर्थिक उदारीकरण के बाद से जिस फास्टफूड संस्कृति ने देश में अपनी जड़ें जमानी शुरू की थीं; वह आज महानगरीय परिवेश से बाहर निकल कर हर छोटे-बड़े कस्बे व गांवों के हर गली नुक्कड़ का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। कहीं भी नजर डालें; हर जगह सजी चिप्स आदि पैकेज्ड स्नैक्स व तरह तरह के कोल्डड्रिंक से लेकर पीजा, बर्गर, मोमो व चाऊमिन के ठेलों और दुकानों पर लोगों की भीड़ सहजता से नजर आ जाएगी। नेशनल फूड एंड टेस्टिंग एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में देश में बड़ी संख्या में फास्टफूड का सेवन करने वालों का जो आंकड़ा 25 प्रतिशत था, वह वर्ष 2022 में 40 प्रतिशत के पार पहुंच चुका है। यह आंकड़ा देश में लोगों में फास्टफूड व जंकफूड के प्रति बढ़ती लत (एडिक्शन) की स्थिति को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।

यूं तो आज की भागमभाग वाली अत्याधुनिक जीवनशैली में फास्ट फूड का चलन सभी वर्गो में तेजी से बढ़ रहा है लेकिन चंद मिनटों में डिलीवरी की सुविधा ने इसे नौकरीपेशा वर्ग और युवाओं में खासा लोकप्रिय बना दिया है।  बच्चे अब घर के पैक किए खाने को नकारकर कैन्टीन में फास्ट फूड का मजा लेने में ज्यादा रुचि लेते हैं क्यूंकि इससे अल्पावधि में भूख तो मिटती ही है और मनमाफिक स्वाद का सुखद अहसास भी मिलता है। घर का दाल-चावल व सब्जी-रोटी देख भूख न लगने का बहाना बनाने वाले छोटे छोटे बच्चों की मैगी व पीजा के प्रति दीवानगी घर घर में सहजता से देखी जा सकती है। स्कूल-कालेज की कैंटीन हो या खुशियों का कोई भी सेलिब्रेशन, जंक फूड के बिना सब सूना ही होता है। यहां तक कि अब शादी विवाह और पर्व त्योहारों के पारंपरिक उत्सवों में भी इस फास्ट फूड कल्चर की घुसपैठ हो चुकी है।

आहार विशेषज्ञों की मानें तो अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट और वसा वाले कैंडी, आइसक्रीम, फ्राइज, चिप्स, पीजा, बर्गर, नूडल्स, डिब्बा बंद भोजन, कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट, पैकेज्ड सूप, चिकन नगेट्स, हॉटडॉग इत्यादि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक फूड की श्रेणी में आते हैं। उच्च कैलोरी युक्त यह जंक फूड इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि वे आकर्षक दिखें और खाने में काफी स्वादिष्ट हो, ताकि आप इनकी मांग अधिक से अधिक करें। ज्ञात हो कि बीते वर्ष सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की टेस्टिंग लैब में किए गए रिसर्च में पैकेज्ड फूड आइटम में फैट, तेल और नमक की मात्रा मानक से काफी अधिक पायी गयी है। इस रिसर्च में चिप्स, नमकीन, बर्गर, स्प्रिंग रोल, पिज्जा सहित कुल 33 जंक फूड को शामिल किया गया था जिसे लोग अधिक पसंद करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार बच्चों से ज्यादा युवा जंक फूड यानी अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स की लत के शिकार बन रहे हैं। यह  स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि स्वास्थ्य के नजरिए से हानिकारक इन खाद्य पदार्थों को लेकर जो लगाव बढ़ रहा है वह शराब और धूम्रपान की तरह बढ़ रहा है। बताते चलें कि डब्लूएचओ के मुताबिक हर साल जरूरत से ज्यादा नमक (सोडियम) का सेवन दुनिया में 30 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले रहा है। इतना ही नहीं इसकी वजह से रक्तचाप, डायबिटीज, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर तक का खतरा बढ़ रहा है। ‘द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल’ में प्रकाशित हुए अमेरिका, ब्राजील और स्पेन के शोधकर्ताओं के अध्ययनों के अनुसार आज वैश्विक स्तर पर 14 फीसदी वयस्कों और 12 फीसदी बच्चों में जंक फूड की दीवानगी बेहद गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रही है। यही वजह है कि आज का युवा हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

इस बाबत लखनऊ की सुप्रसिद्ध आहार विशेषज्ञ डॉ. इंदुजा दीक्षित का कहना है कि जंक फूड के अधिक सेवन से मोटापे के अलावा, हाई ब्लड प्रेशर, दांत की समस्या, कब्ज, हार्ट से संबंधित परेशानी, नींद, तनाव, अवसाद   व बालों के झड़ने की समस्या बढ़ रही है। इसका मूल कारण यह है कि    जंक फूड में चीनी, नमक और वसा की मात्रा बहुत अधिक होती है और पोषक तत्व नगण्य। इनमें फाइबर की मात्रा भी न के बराबर होती है। जब डाइजेस्टिव सिस्टम इन खाद्य पदार्थ को शरीर को लाभ पहुंचाने के लिए तोड़ता है तो कार्बोहाइड्रेट रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के रूप में मिल जाता है जिससे ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। इसी वजह से इंसुलिन भी बढ़ जाता है और हृदय रोग की समस्या का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही, जंक फूड में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी वजन बढ़ाने का प्रमुख कारण होता है और मोटापा शरीर में सांस की समस्या और अस्थमा को बढ़ाने का प्रमुख कारक होता है। इसका दुष्प्रभाव सीढ़ियां चढ़ने, वर्कआउट करने तथा टहलने में साफ देखा जा सकता है। उनके अनुसार फास्ट फूड में ट्रांस फैट होता है जो शरीर के लिए नुकसानदायक माना जाता है। ज्यादा फैट, शुगर और नमक का कॉन्बिनेशन फास्ट फूड को स्वादिष्ट तो बना देता है लेकिन इससे हमारी बॉडी की फंक्शनिंग बुरी तरह प्रभावित होती है। यह तीनों चीजें कार्डियो वैस्कुलर सिस्टम पर दबाव बना देती हैं और लोग बीमार हो जाते हैं। यदि बारिश के मौसम में अगर साफ सफाई का अतिरिक्त ध्यान न रखा जाए तो फास्ट फूड टाइफाइड, हैजा और पीलिया जैसी बीमारियां भी फैला सकता है। कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि फास्ट फूड में पाया जाने वाला ट्रांस फैट ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा देता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर देता है। यही नहीं, शोध में पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से फास्ट फूड  खाते हैं, उनमें डिप्रेशन होने की संभावना अन्य लोगों की अपेक्षा 51% ज्यादा होती है। साथ ही प्रोसेस्ड फूड में मौजूद रसायन शरीर में हार्मोन की फंक्शनिंग को प्रभावित करते हैं जिससे रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी कम हो जाती है।

इसलिए यह जरूरी है कि इन्हें अपनी रेगुलर डाइट से बाहर करें और इसके बेहतर विकल्प चुनें। ऑफिस में काम करने के दौरान भूख लगने पर आप भुने चलें सूखे मेवे, मिलेट्स के ग्लुटिनफ्री हाई फाइबर स्नैक्स का सेवन करें, कोल्ड ड्रिंक्स की जगह नारियल पानी, बटरमिल्क, लस्सी, छाछ का चयन करें। चॉकलेट खाना ही हो तो डार्क चॉकलेट को वरीयता दें। हल्की भूख के लिए सब्जियों का सलाद और फलों को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करें। प्रोसेस्ड ऑयल से जितना परहेज करेंगे, उतना ही आपके लिए बेहतर होगा। सफेद ब्रेड व सफेद चीनी से भी यथा संभव परहेज करना चाहिए क्यूंकि इनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

समग्र स्वास्थ्य का सर्वोत्तम सूत्र है शाकाहार

हम भारतीयों को अपनी ऋषि संस्कृति पर गौवान्वित होना चाहिए जिसने दुनिया के समक्ष ‘‘जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन’’ का अद्भुत विचार प्रस्तुत किया था। हमारी तत्वदर्शी ऋषि मनीषा की अनुभूतिजन्य शोध से उपजा यह अनूठा विचार इस तथ्य को रेखांकित करता है कि व्यक्ति के खानपान का उसके मन पर स्पष्ट प्रभाव परिलक्षित होता है। यही वजह है कि हमारे सनातन जीवन दर्शन में समग्र स्वास्थ्य के दृष्टिगत शाकाहार को सर्वोत्तम आहार माना गया है। शाकाहार के प्रबल पैरोकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्पष्ट मान्यता थी कि शाकाहार न सिर्फ शरीर को निरोगी रखता है वरन मन और बुद्धि निर्मल व पवित्र बनाकर जीवन को भी श्रेष्ठ बनाता है। उनका कहना था कि करुणामूलक जीवनशैली का मूलाधार होने के कारण शाकाहार मनुष्य को नैतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक उन्नति की ओर प्रवृत्त करता है।  इसके विपरीत मांसाहार स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है। यह शरीर के अंग-अवयवों, प्रणालियों एवं तंत्रों पर तो प्रतिकूल प्रभाव डालता ही है, अपने तामसिक गुणों के कारण मनुष्य को कामी, क्रोधी, संवेदनहीन तथा निर्मम भी बना देता है। जानना दिलचस्प हो कि शाकाहार के फायदों को जांचने के लिए कैलिफोर्निया स्थित लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मिशेल जे ओरलिच और उनके सहयोगियों ने पिछले दिनों करीब 70 हजार लोगों पर एक अध्ययन किया था। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि वैजिटेरियन डाइट का मृत्यु दर घटाने से सीधा संबंध है। शोधकर्ताओं के अनुसार शाकाहारी भोजन का विभिन्न बीमारियों के खतरे को कम करने से सीधा जुड़ाव पाया गया। शाकाहारी भोजन जिन बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम कर देता है उनमें हाइपरटेंशन, मैटाबोलिक सिंड्रोम, डाइबिटीज और हृदय रोग शामिल रहे। इसी तरह ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के जाने माने आहार विशेषज्ञ डॉ. मार्को स्प्रिंगमैन का शाकाहार के फायदों पर किया गया शोध अध्ययन भी खासा दिलचस्प है। उनका कहना है कि यदि दुनिया के लोग यदि मांसाहार त्याग दें तो परिणाम चमत्कारिक होंगे। यदि ऐसा हो सका तो 2050 तक हर वर्ष 73 लाख मौतें कम हो जाएंगी व वैश्विक मृत्युदर सात प्रतिशत घट जाएगी। लोगों के मांसाहार त्यागने से स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले ख़र्च और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसानों में 2050 तक इतनी कमी आ जायेगी कि पूरे विश्व में हर साल कुल मिला कर डेढ़ खरब डॉलर की बचत हो सकती है। इससे अकेले स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले ख़र्च में ही जो कमी आयेगी, वह 2050 के लिए अनुमानित सभी देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को जोड़ देने से प्राप्त धनराशि के तीन प्रतिशत के बराबर होगी।

Topics: World Health Day 2024World Health Day 2024 themeWorld Health Day Historyहेल्थ NewsWhen World Health Day Is Celebrated In Hindiwhy do we celebrate world health dayWorld Health Day posterWorld Health Day Activitiesस्वास्थ्य दिवससेहतफास्टफूडWorld Health Day
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मन की बात : ज्यादा से ज्यादा अपनाएं मोटा अनाज, सेहत और किसानी के लिए लाभप्रद – प्रधानमंत्री

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

terrorist attack in congo

इस्लामिक आतंकवादी समूह ADF का कांगो में कहर: वाल्से वोनकुतु में 66 की गला काटकर हत्या

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

EC to start SIR

Voter Verification: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में लागू होगा SIR

Iran warns europe drone attack

ईरान की धमकी: पांच ड्रोन यूरोप को बनाएंगे निशाना

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies