केरल वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वितीय वर्ष के छात्र जेएस सिद्धार्थ का 18 फरवरी को वायनाड कैंपस हॉस्टल के बाथरूम में शव मिला था। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच अब सीबीआई को हैंडओवर कर दी गई है। अब सीबीआई सिद्धार्थ की मौत की जांच करेगी।
शुक्रवार को केरल हाई कोर्ट के जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने सिद्धार्थ के पिता टी. जयप्रकाश की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मौत की जांच तुरंत सीबीआई को अपने हाथों में लेनी चाहिए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जांच में देरी से अपराधियों को फायदा होगा। सिद्धार्थ के पिता ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने प्रदेश के डिप्टी सीएम से इस मामले को लेकर शिकायत की थी। इसी के बाद उप मुख्य सचिव ने 9 मार्च को ही सीबीआई जांच का आदेश जारी किया था। लेकिन कागजी कार्रवाई में देरी हुई।
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अदालत ने माना देरी हुई
केरल हाई कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया है कि भले ही अपराध की गंभीरता की देरी को देखते हुए सीबीआई को सौंप दी थी, लेकिन अज्ञात कारणों से फाइलों में देरी हुई। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सिद्धार्थ के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये स्पष्ट है कि कॉलेज में सिद्धार्थ के साथ रैगिंग के दौरान उसे बेरहमी से पीटा गया था। वहीं कोर्ट के एक्शन के बाद अब केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने कहा कि मामले की फाइलों को 26 मार्च को ही केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपा गया था और देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। अब इस मामले पर मंगलवार को कोर्ट में दोबारा सुनवाई होगी।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि केरल में वेटनरी साइंस कॉलेज के छात्र जेएस सिद्धार्थ का शव 18 फरवरी को उनके हॉस्टल में लटका हुआ मिला था। जांच में सामने आया कि जेएस सिद्धार्थ को वामपंथी संगठन SFI से जुड़े अपराधियों ने केबल तार, बेल्ट से बुरी तरह से पीटा था। इसके बाद उन्हें छात्रावास में निवर्स्त्र कर परेड कराई थी।
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