टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए चितावनी देते हुए बताया है कि हैकर्स AI टूल्स का इस्तेमाल वोटर्स को प्रभावित कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा लिखे गए पोस्ट के अनुसार- दुनिया के अलग-अलग देशों में इस साल बड़े चुनाव होने वाले हैं, जिनमे भारत, साउथ कोरिया और अमेरिका शामिल हैं।
ऐसे में चीन अपने फायदे के लिए AI जेनरेटेड कंटेंट और टूल्स का इस्तेमाल कर वोटर्स को प्रभावित कर सकता है। वैसे वोटर्स को प्रभावित करने की चीन द्वारा चाल चलना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी चीन ऐसी कोशिशें कर चुका है।
बता दें भारत में इस महीने लोकसभा चुनाव 2024 शुरू हो रहे हैं, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेंगे। इससे पहले सरकार को चेतावनी मिली है कि पड़ोसी देश चीन के हैकर्स AI टूल्स के जरिए चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं।
AI का गलत इस्तेमाल कर रहे हैकर्स
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि AI टूल्स हैकर्स की वजह से किसी भी हथियार जितने खतरनाक हो गए हैं। क्योंकि जेनरेटिव AI टूल्स के उपयोग से डीपफेक और एडिटेड वीडियोज बनाना तो आसान है ही इसके साथ ही अब AI टूल्स से लोकप्रिय नेताओं की आवाज तक को क्लोन किया जा सकता है। ऐसे में इन्ही का उपयोग कर हैकर्स फेक अकाउंट्स आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं।
बता दें कि भारत और अमेरिकी सरकार के साथ चीन का टकराव बीते साल 2020 में अमेरिका की ओर से लगाए गए व्यापारिक ट्रेड बैन के बाद से लगातार देखने को मिल रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट एनालिस्ट सेंसर के अनुसार चुनाव के वक्त में सरकारों और कानूनी एजेंसियों को हाई-अलर्ट पर रहने की ज्यादा जरूरत है।
झूठी छवि से कर सकता है चुनावों को प्रभावित
माइक्रोसॉफ्ट की पोस्ट की माने तो चुनाव का हिस्सा बनने जा रहे वोटर्स को चीन फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए किसी भी नेता या पार्टी की झूठी छवि दिखा कर प्रभावित कर सकता है। क्योंकि पिछले साल अगस्त में भी चाइनीज हैकर्स द्वारा प्रोपोगंडा चलाया था कि अमेरिकी सरकार मौसम में बदलाव करने से जुड़े मिलिट्री-ग्रेड हथियार टेस्ट कर रही है, जिसके बाद एक बड़ी चर्चा इस बात पर छिड़ गई थी।
माइक्रोसॉफ्ट के ब्लॉग पोस्ट से साफ है कि अब सरकारों को चुनाव के समय में साइबर सुरक्षा से जुड़ी तैयारी और अधिक मजबूत रखनी होगी। इसके अलावा AI टूल्स के उपयोग से होने वाले डीपफेक जैसे खतरों से भी बचकर रहना होगा।
Leave a Comment