महाकुंभ 2025 : सफल आयोजन के लिए लिया जा रहा है वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन

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सुनील राय

महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए  पूर्व में कुंभ व महाकुंभ मेलों में योगदान दे चुके वरिष्ठ अधिकारियों की वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमे वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही 2025 में होने वाले महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस वर्कशॉप में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, मेलाधिकारी, कुंभ मेला, प्रयागराज, और अन्य मुख्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कुंभ मेला 2001 के मेलाधिकारी रहे जीवेश नंदन ने महाकुंभ के कुशल आयोजन के लिए मेले को प्रोजेक्ट फेज और ऑपरेशन फेज में विभाजित करने के साथ-साथ अखाड़ा परिषद जैसे हितधारकों का समर्थन प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया। अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कुंभ मेला 2013 का प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट, एयर एम्बुलेंस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के कुशल प्रबंधन के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की समय सीमा के पालन के महत्व पर प्रकाश डाला। पर्यटन/संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने सर्किट टूरिज्म और स्पिरिचुअल टूरिज्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट के संदर्भ में डॉ. एस.एन. साबत ने कुंभ मेला 2019 से प्राप्त अनुभवों को साझा किया, जिसमें उन्होंने पुलिस व्यवस्था के महत्व की चर्चा की। इसके अतिरिक्त वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर महाकुंभ के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी विभागों द्वारा की गई तैयारियों की सराहना करते हुए महाकुंभ को ग्रीन और स्मार्ट बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने स्वच्छता और सफाई सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश दिए और प्रयागराज के निवासियों से स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। साथ ही, विभिन्न मिशनों के कुशल क्रियान्वयन के लिए सेंट्रल टीमों के मार्गदर्शन का आह्वान किया।

वर्कशॉप में प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग अमृत अभिजात ने स्वागत उद्बोधन दिया और महाकुंभ 2025 की रूपरेखा का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने बताया कि 4000 हेक्टेयर में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ मेले में 67,000 स्ट्रीट लाइट्स, 1,45,000 शौचालय, 1500 से अधिक साईनेज बोर्ड, 2300 से अधिक कैमरों के माध्यम से निगरानी, एआई-आधारित चैट बॉट जैसी सुविधाएं, 2000 टेंट, 25,000 सार्वजनिक आवास के साथ 30 पोंटून ब्रिज शामिल किए जाएंगे। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर 1,49,620 पौधे भी लगाए जाएंगे।

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