भारतीय सेना के कमांडरों के सम्मेलन 2 अप्रैल को दिल्ली में संपन्न हुआ। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच तनाव को कैसे कम किया जाय इसको लेकर बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव का शांतिपूर्ण समाधान केवल सैनिकों की वापसी और तनाव में कमी से ही संभव है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक पूरी मजबूती के साथ सीमा की रक्षा के लिए खड़े हैं। दूसरा पक्ष प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने की सेना की रणनीति सीएपीएफ, पुलिस बलों और सेना के बीच तालमेल की तारीफ की। सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने ये बातें कहीं।
The Army Commanders’ Conference concluded in New Delhi on 2nd April 2024. The biannual event, held in a hybrid format, commenced with a virtual session chaired by General Manoj Pande, Chief of Army Staff (COAS), on 28th March 2024, and was followed by in-person discussions on… pic.twitter.com/xCDvKxHxpi
— ANI (@ANI) April 4, 2024
इस मौके पर सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन, लॉजिस्टिक्स, प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण, विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल करने और विभिन्न मौजूदा वैश्विक स्थितियों के प्रभाव के आकलन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करके चर्चा की गई।
हाइब्रिड वॉर के लिए तैयार रहें
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने सेनाओं का ध्यान भविष्य की तरफ आकर्षित करते हुए कहा कि आने वाले भविष्य में जो युद्ध होंगे वो हाइब्रिड के साथ ही अपरंपरागत और असममित युद्ध होंगे। उनमें ऐसे हथियारों का इस्तेमाल संभव है, जो सामान्यतया इस्तेमाल न किए जाते हों। उन्होंने आगे कहा, “साइबर, सूचना, संचार, व्यापारहीर और वित्त सभी भविष्य के संघर्षों का एक अविभाज्य हिस्सा बन गए हैं। यह आवश्यक है कि सशस्त्र बलों को योजना बनाते और रणनीति बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।”
विपक्ष को भी दिया जबाव
गौरतलब है कि विपक्ष मुख्यत: कांग्रेस लगातार झूठ फैलाने की कोशिश करती रही है कि चीन भारत की सीमाओं पर कब्जा कर रहा है और सरकार चुप होकर बैठी है। ऐसे में इसके जरिए रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को मुंहतोड़ जबाव भी दिया है।
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