पंजाब में विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोके जाने व सुरक्षा में हुई चूक की घटना ने अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं थीं। दावा किया गया था कि आंदोलनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर मोदी का काफिला रोका था परन्तु असल में यह उस समय की कांग्रेस सरकार की शरारत थी।
बलिदानी मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के पौते व कांग्रेस के ही सांसद रहे रवनीत सिंह बिट्टू ने इसका खुलासा आज पत्रकार वार्ता में किया। आज बिट्टू पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी पर निशाना साधते हुए पी.एम. के पंजाब दौरे के दौरान हुई चूक का सीधा इलजाम चन्नी पर लगाया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने के पीछे चरणजीत चन्नी की शरारत थी। बिट्टू ने आगे बताया कि पी.एम. मोदी का काफिला चन्नी ने 15-20 शरारती लोग भेजकर रुकवाया था।
बिट्टू ने कहा कि उस समय बारिश का मौसम होने के चलेत पी.एम. मोदी हेलिकॉप्टर छोड़ कर सडक़ रास्ते फिरोजपुर के रास्ते पर पहुंचे थे। उस समय मोदी ने नए प्रोजेक्टों का ऐलान करना था। जिससे कांग्रेस को डर था कि अगर मोदी कोई बड़ी घोषणा कर जाते हैं तो इसका लाभ भाजपा को मिलना था, क्योंकि इन चुनावों में भाजपा अकाली दल से अलग हो कर लड़ी थी।
बिट्टू ने अफसोस जताते हुए कहा कि अगर यह दौरा सफल हो जाता तो अब तक पंजाब में कोई बड़ी इंडस्ट्री लग चुकी होती। चन्नी ने पंजाब का बहुत बड़ा नुक्सान किया था।
आपको बता दें 5 फरवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिरोजपुर आने वाले इस दौरान उनके काफिले को रोका गया था। प्रधानमंत्री वापिस दिल्ली जाते हुए बठिंडा में हवाई अड्डे पर एक उच्चाधिकारी को उलाहना भी दे गए थे कि ‘अपने सीएम को बता देना कि पंजाब से मैं जिंदा जा रहा हूं।’
वहीं पूर्व सांसद बिट्टू कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं और पार्टी ने उन्हें लुधियाना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार घोषित किया है।
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