भारत से बना पड़ोसी जिन्ना का देश पाकिस्तान हिन्दू बहुल देश की बढ़ती जा रही ताकत से घबराया घबराया सा घूम रहा है। संयुक्त राष्ट्र में उसने जिस प्रकार का रोना रोया है उससे साफ है कि उसे अंदर ही अंदर भारत से डर लग रहा है। संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण आयोग की बैठक में जिन्ना के देश के प्रतिनिधि ने इसी बात को लेकर भारत पर क्षेत्रीय शांति में खलल डालने की कोशिश करने का दोष मढ़ने की कोशिश की है।
इस महत्वपूूर्ण आयोग की बैठक में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि तब हक्केबक्के रह गए जब पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत को लेकर नफरती बातें बोलीं और मन का पूरा विकार सामने उलीच दिया। उसने कहा, भारत के अस्त्र खरीदने से इलाके की सुूूूरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने अपने ताकतवर पड़ोसी देश पर यह निराधार आरोप भी मढ़ दिया कि वह आतंकवाद फैला रहा है। हालांकि उसकी इस बात को लेकर विभिन्न देशों के प्रतिनिधि अंदर ही अंदर हंस रहे होंगे क्योंकि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पोसता आ रहा है, वहां आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जहां पाकिस्तान की कोई पूछ नहीं है उस संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण आयोग में उसके प्रतिनिध ने तैश में आकर यह भी कहा कि भारत की नीतियां ऐसी है कि जो इलाके की शांति के लिए खतरा बन सकती हैं। कहा कि भारत की ऐसी ही नीतियों ने दक्षिण एशिया में सुरक्षा के वातावरण में सेंध लगा दी है और उसे डावांडोल कर दिया है।
मुनीर अकरम ने आयोग के एक सत्र में यह कहकर अपने देश की बदहाल सोच का प्रदर्शन किया कि इधर कुछ सालों के दौरान दक्षिण एशिया में सुरक्षा के माहौल में जो तेजी से खराबी आई है, उसकी वजह इलाके के सबसे बड़े देश का बड़ी तादाद में हथियार बनाने की नीति है। यहां सबसे बड़े देश से उसका इशारा भारत की तरफ था।
जिन्ना के शातिर देश के प्रतिनिधि ने बड़ी चालाकी के साथ यह खुलासा नहीं किया कि पाकिस्तान क्यों अनेक देशों से जानलेवा हथियार खरीद रहा है, जबकि उसके यहां रोटी के लाले पड़े हुए हैं! पाकिस्तान ने अपने आका चीन से एफसी-31 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदे हैं, इस बारे में उसने नहीं बताया। इस तकनीकी वाला विमान दुनिया के इस हिस्से में चीन तथा जापान के अलावा अन्य किसी देश में नहीं है।
पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में इस स्थायी प्रतिनिधि का नाम है मुनीर अकरम। इसी मुनीर अकरम ने आयोग के एक सत्र में यह कहकर अपने देश की बदहाल सोच का प्रदर्शन किया कि इधर कुछ सालों के दौरान दक्षिण एशिया में सुरक्षा के माहौल में जो तेजी से खराबी आई है, उसकी वजह इलाके के सबसे बड़े देश का बड़ी तादाद में हथियार बनाने की नीति है। यहां सबसे बड़े देश से उसका इशारा भारत की तरफ था।
अकरम ने आगे कहा कि भारत ने युद्ध लड़ने के जिस प्रकार के “कोल्ड स्टार्ट” जैसे सिद्धांत अपनाए हैं, उससे सोचा यह गया है कि पाकिस्तान पर अचानक हमला बोला जाए तथा परमाणु हथियारों का दबाव बनाया जाए। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा कि आज भारत दुनियाभर में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत को उसके ‘रणनीतिक साझेदार’ परमाणु, मिसाइल, परंपरागत तथा दूसरे हथियार दे रहे हैं।
कहना न होगा कि अकरम की यह बचकानी टिप्पणी तब आई है जब पाकिस्तान के ही उस्मान जादून को निरस्त्रीकरण आयोग के 2024 के सत्र का अध्यक्ष चुना गया है। निरस्त्रीकरण आयोग का गत सोमवार को शुरू हुआ यह सत्र तीन सप्ताह चलेगा। इसमें निरस्त्रीकरण से जुड़े विषयों पर मंथन किया जाएगा।
पड़ोसी इस्लामी देश की नींद उड़ाए रखने वाले कश्मीर के विषय पर भी अकरम ने अपनी खोखली विद्वता झाड़ी, इस पर भी मन में जमा जहर उलीचा। अकरम ने कहा कि ‘कश्मीर में कश्मीरियों के अधिकार छीने जा रहे हैं।’ अकरम को वहां भारतीय सेना के तैनात होने पर भी दिक्कत है। उस पर भी उन्होंने बेवजह के सवाल खड़े किए।
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