चालाक चीन की हरकतों को लेकर दुनिया भर के देश शंका में रहते हैं। विस्तारवादी कम्युनिस्ट ड्रैगन की कथनी और करनी में जमीन—आसमान का फर्क होता है। अमेरिका में तो पिछले कुछ साल से चीन के हितों, कंपनियों, अधिकारिकयों और सरकारी एजेंसियों को लेकर खास निगरानी रखी जा रही है। लेकिन इतने सब के बावजूद चीन की एक सैन्य कंपनी अमेरिका में अपनी एक ‘ब्रांच’ खोलने की तैयारी में है। इस घटनाक्रम ने अमेरिकी सांसदों में चीनी कंपनियों के इरादों को लेकर शक के बीज रोप दिए हैं। इन सांसदों ने देश के रक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखकर पूरे मामले का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
संदेह से भरे इन अमेरिकी सांसदों ने चिट्ठी में लिखा है कि चीन की ये बायोटेक कंपनियां अमेरिका की धरती से चीन की सेना तथा कम्युनिस्ट पार्टी के मकसदों को पूरा करने के काम में लगी है। दरअसल चीन की सैन्य उत्पादों की कंपनी बीजीआई अमेरिका के मैसाचुसेट्स तथा केंटकी शहरों में अपनी शाखाएं खोलने की तैयारी है। ये ही कंपनी है जिसे लेकर अमेरिका के सांसदों का गहरी आपत्ति है। चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि आरोप लगाया है कि चीन की यह सैन्य कंपनी नियामक जांच से बचने के लिए यह कदम उठा रही है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन को यह पत्र में सांसदों कम्युनिस्ट पार्टी से मुकाबले की पड़ताल करने वाली संसदीय समिति के अध्यक्ष माइक गैलेगर तथा समिति के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने लिखा है।
संसदीय समिति के अध्यक्ष माइक गैलेगर तथा समिति के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने अमेरिका में कार्यरत चीन की बायोटेक कंपनी की देश में इस तरह मौजूद होने पर खासतौर पर इसलिए आपत्ति दर्ज कराई है क्योंकि ये चीन की कम्युनिस्ट सेना के तथा सीपीसी के मकसद पूरे करने में जुटी है। सांसदों ने मांग की है कि इन चीनी बायोटेक कंपनियों पर नजर रखी जाए।
इन दोनों ने अमेरिका में कार्यरत चीन की बायोटेक कंपनी की देश में इस तरह मौजूद होने पर खासतौर पर इसलिए आपत्ति दर्ज कराई है क्योंकि ये चीन की कम्युनिस्ट सेना के तथा सीपीसी के मकसद पूरे करने में जुटी है। इसी चिट्ठी में अमेरिका के इन सांसदों ने रक्षा मंत्री ऑस्टिन से वित्त वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून की धारा 1312 को अमल में लाते हुए मांग की है कि इन चीनी बायोटेक कंपनियों पर नजर रखी जाए।
माइक गैलेगर तथा कृष्णमूर्ति ने पत्र में मांग की है कि पेंटागन यानी अमेरिका का रक्षा विभाग अमेरिका में कार्यरत चीनी कंपनियों एमजीआई समूह, कंप्लीट जीनोमिक्स, इनोमिक्स, स्टोमिक्स, ओरिजनसेल, वाजमे बायोटेक और एक्सबायो को चीनी सैन्य कंपनी के तौर पर ही मान्यता दे। सांसदों का कहना है कि एमजीआई और कंप्लीट जीनोमिक्स जैसी कंपनियां चीन की सेना की कंपनी बीजीआई की सहायक कंपनियां ही हैं।
दरअसल चीन की कंपनी बीजीआई पर मानवाधिकार दमन के साथ ही जैविक डाटा को गैरकानूनी तरीके से जमा करने के गंभीर आरोप लगे हुए हैं। अमेरिका के इन सांसदों ने चिट्ठी में लिखा है कि चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत बायोटेक के क्षेत्र में चीन की सेना अपना दबदबा बनाने की इच्छुक है। चीनी सेना ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि संभवत: आने वाले वक्त में युद्ध में अपना सिक्का कायम करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी का बहुत सहारा लिया जाने वाला है। हो सकता है, चीन जैसे देश इस तकनीक की मदद से इंसानों के लिए खतरनाक जीवाणु बनाएं। अत: इस खतरे को देखते हुए अमेरिका का रक्षा विभाग देश में चीन के मकसद को पूरा करने वाली कंपनियों को जल्दी से जल्दी पहचाने और उनकी पड़ताल करे।
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