नई दिल्ली । कांग्रेस को आयकर मामले में विभिन्न न्यायिक निकायों से किसी भी प्रकार का स्टे नहीं मिल पाया है। आयकर विभाग ने अदालतों में विस्तृत और पुष्ट सबूत पेश किए हैं। सबूतों के अनुसार कांग्रेस पार्टी को 2013 और 2019 के बीच 626 करोड़ कैश प्राप्त हुआ। इसके अलावा, कांग्रेस की ओर से आईटी की कुल मांग 2,500 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच सकती है।
सूत्रों के अनुसार यह अप्रैल 2019 में आयकर छापों का परिणाम है, जिसमें कांग्रेस द्वारा मेघा इंजीनियरिंग और एक कंपनी से नकद प्राप्तियां दिखाई गईं, जो कमल नाथ के सहयोगियों की करीबी बताई जाती हैं। सूत्रों ने बताया कि कई वर्षों (2013-14 से अप्रैल 2019) में नकदी की कुल प्राप्ति 626 करोड़ रुपये थी।
वहीं अगर न्यूज़18 में प्रकाशित एक खबर की माने तो मेघा इंजीनियरिंग से नकद प्राप्तियां दिए गए ठेकों के लिए थीं, कमल नाथ के सहयोगियों से प्राप्त नकदी मध्य प्रदेश में चलाए गए एक बड़े कथित भ्रष्टाचार घोटाले से थी, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, मंत्रियों, व्यापारियों आदि सहित कई लोगों से रिश्वत की वसूली शामिल थी। इन नकद रसीदों की पुष्टि कई तरीकों से की गई है, जैसे तलाशी के दौरान मिले दस्तावेज़, व्हाट्सएप संदेश और दर्ज किए गए बयान।’ साक्ष्य में कमल नाथ के आधिकारिक आवास से AICC कार्यालय तक 20 करोड़ रुपये के विशिष्ट भुगतान का उल्लेख है।
आयकर अधिनियम की धारा 13ए के तहत, यदि कई शर्तें पूरी होती हैं तो एक राजनीतिक दल द्वारा प्राप्त आय को छूट दी जाती है। इसमें 2,000 रुपये से अधिक की कोई भी राशि नकद में स्वीकार नहीं करना शामिल है। जो सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है। वहीं आदेश का समय ऐसा है क्योंकि मूल्यांकन के लिए 31 मार्च, 2024 की समय सीमा थी और इसे उस तारीख तक पूरा किया जाना था।
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