लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियां रविवार (31 मार्च 2024) को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘लोकतंत्र बचाओ महा रैली’ नाम से एक रैली कर रहे हैं। इस रैली में महाराष्ट्र महाविकास आघाड़ी और इंडि गठबंधन के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, अब उनका (बीजेपी का) सपना 400 (सीटें) पार करने का है। मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि एक व्यक्ति और एक पार्टी की सरकार पूरे देश के लिए खतरनाक हो गई है। इसलिए अब हमें मजबूत नहीं मिली जुली सरकार लानी ही होगी।
#WATCH | Delhi: From the Maha Rally at the Ramlila Maidan, Former Maharashtra CM and Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray says, "Now, their (BJP's) dream is of crossing 400 (seats)… It is time that one party and one person's government have to go… We are not here for the… pic.twitter.com/KqGWmHl0GT
— ANI (@ANI) March 31, 2024
उद्धव ठाकरे ने लोकतंत्र की दुहाई देते हुए कहा, “हम यहां चुनाव प्रचार के लिए नहीं हैं, हम यहां लोकतंत्र की रक्षा के लिए हैं। ये कैसी सरकार है अरविंद केजरीवाल पर इल्जाम लगाकर जेल में डाल दिया। हेमंत जी पर इल्जाम लगाकर जेल में डाल दिया। जबकि, दूसरी ओर ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि इंडि अलायंस ने कथित लोकतंत्र बचाओ रैली में पहले केजरीवाल की तस्वीर को लगा रखा था, लेकिन बाद में उसे वहां से हटा दिया। बहरहाल सोशल मीडिया पर नेटिजन्स उद्धव ठाकरे को बराबर आइना दिखा रहे हैं।
इसी क्रम में डॉ मेघनाथ नाम के यूजर ने कहा, “वह (उद्धव ठाकरे एक पार्टी का नहीं, बल्कि एक परिवार का नेतृत्व कर रहे हैं।”
चेतन कुमार नाम के यूजर ने कहा, “जय श्री राम, उद्धव ठाकरे…आएंगे तो हमारे मोदी जी ही। अबकी बार 400 पार, फिर एक बार मोदी सरकार पक्का है।”
वहीं संग्राम नाइक ने उद्धव ठाकरे के कट्टर हिन्दुत्व से छद्म सेक्युलर बनने को लेकर निशाना साधते हुए कहा, “हर बाप अपने बेटे के लिए झूठ बोलता है। उद्धव ठाकरे जी आपके पिता शेर थे, आप गिरगिट कैसे बने?”
कौशल दुबे नाम के यूजर कहते हैं कि यद्यपि उद्धव ठाकरे भी ये मानते हैं कि अबकी बार 400 पार है।
कमजोर सरकार की कर चुके हैं वकालत
गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब उद्धव ठाकरे ने देश में मिली-जुली और कमजोर सरकार की बात की हो। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने देश में कड़े फैसले लेने वाली और मजबूत सरकार की जगह एक अस्थिर सरकार की वकालत की थी। उनका मानना था कि अस्थिर सरकारें अच्छी होती हैं। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा था कि अगर इनका बस चले तो ये हमास जैसे बर्बर आतंकी के साथ भी गठबंधन कर लेंगे।
टिप्पणियाँ