आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन पश्चिमी पश्चिमी मीडिया केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को छिपाते हुए भारत सरकार को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है।
इसमें पहला नाम है खाड़ी देश के न्यूज पेपर गल्फ न्यूज का। गल्फ न्यूज शीर्षक लिखता, “इंडिया:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया”, इसके अलावा गल्फ न्यूज अपने सब टाइटल में ये दावा करता है, “केजरीवाल स्वतंत्र भारत के पहले पदासीन मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है।” खास बात ये है कि गल्फ न्यूज ने अपने लेख में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि केजरीवाल को कई बार कोर्ट से झटका मिला है। उन्हें कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया था।
इसी तरह से अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने केजरीवाल की गिरफ्तारी नरैटिव सेट करने की कोशिश करते हुए अपनी न्यूज भ्रामक शीर्षक दिया। उसने लिखा, “आम चुनाव से पहले कथित भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय विपक्षी नेता को गिरफ्तार किया”, इस लेख को सानिया फारुकी और सुगम पुखरैल ने लिखा। सीएएन कहता है कि मोदी सरकार ने आम चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया। अपनी दूसरी हेडिंग में वह प्रवर्तन निदेशालय का जिक्र करता है। अरविंदर सिंह लवली के हवाले से सीएएन कहता है कि केंद्र सरकार एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है।
इसी तरह से कुवैत से चलने वाला अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनल अल जजीरा शीर्षक लिखता है, “भ्रष्टाचार के दावों के बीच भारतीय विपक्षी नेता अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार किए गए”, अपने सब टाइटल में अल जजीरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहता है, “केजरीवाल अगले महीने होने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा को चुनौती देने वाले विपक्षी गठबंधन में एक प्रमुख नेता हैं।”
क्या है सच
गौरतलब है कि पश्चिमी मीडिया दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले झूठ फैला रहा है। पहली बात तो ये केजरीवाल कोई ऐसे पहले सीएम नहीं हैं, जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल से पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ‘रांची लैंड स्कैम’ के मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। वह भी मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा 2009 में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
खास बात ये है कि पश्चिमी मीडिया भारत पर विपक्ष की आवाज को कुचलने का आरोप लगा रहा है। जबकि, सच यह है कि दिल्ली शराब घोटाले के मामले में ईडी ने उन्हें 9 बार समन भेजा, लेकिन वो कभी पूछताछ के लिए पेश ही नहीं हुए। सबसे अहम बात ये कि इन चैनलों ने अपनी रिपोर्ट में बड़ी ही सफाई के साथ अदालतों द्वारा केजरीवाल को क्या कहा गया, इसका जिक्र ही नहीं किया। सभी ने केवल राजनीतिक एंगल पकड़ा। जबकि, कोर्ट ने गुरुवार को ही पहले केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। उससे पहले बुधवार को उनसे ये भी पूछा कि आखिर वो ईडी के समक्ष क्यों पेश नहीं हो रहे हैं। लेकिन हर बार की तरह वो ईडी के समन को ही गैरकानूनी बताते रहे।
अत: ये स्पष्ट है कि पश्चिमी मीडिया ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रकाशित करके ‘भारत विरोधी नरैटिव’ गढ़ने की कोशिश की है।
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