प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। इस पर चीन चिढ़ गया, क्योंकि वो अरुणाचल पर अपना दावा करता है। ये जानते हुए भी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। अब अमेरिका ने भी उसे आइना दिखाया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रिंसिपल वाइस स्पोक्स पर्सन वेदांत पटेल ने दो टूक कहा कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के तौर पर मान्यता देता है।
इसके साथ ही अमेरिका ने एलएसी के आसपास चीन द्वारा किसी भी क्षेत्र पर किए जाने वाले दावे का भी विरोध किया। वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हम वास्तविक रेखा पर सैन्य या असैन्य तरीके से जबरन इलाके पर चीनी दावा का एकक्षीय दावे का विरोध करते हैं।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने 13000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया। सेला सुरंग ऑल वेदर सुरंग है जो कि हर मौसम में तवांग तक पहुंचने में मदद करेगी। इसके अलावा इसके जरिए सीमा तक रसद आपूर्ति में भी तेजी लाई जा सकेगी।
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पीएम मोदी के इस दौरे से चीन चिढ़ गया था। उसने भारत के इस कदम को भड़काने वाला बताया। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग शियाओगांग ने अरुणाचल प्रदेश को जिजांग (तिब्बत को दिया गया चीनी नाम) का हिस्सा बता दिया। चीन ने अरुणाचल को जांगनान नाम दे रखा है।
भारत बोला-अरुणाचल हमारा अभिन्न अंग
हालांकि, चीन के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पलटवार करते हुए स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था,है और रहेगा। विदेश मंत्रालय ने चीनी दावे को बेतुका करार दिया। इसके साथ ही भारत सरकार ने चीन के अरुणाचल को मनगढ़ंत नाम देने का भी विरोध किया है।
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