नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मिशेल के वकील अल्जो के. जोसेफ से कहा कि आप अनुच्छेद-32 के तहत कैसे याचिका दाखिल कर सकते हैं।
सुनवाई के दौरान अल्जो के. जोसेफ ने कहा कि मिशेल के खिलाफ वो आरोप तय नहीं किए जा सकते हैं जो प्रत्यर्पण के दायरे से बाहर का हो। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट इस मामले पर पहले ही विचार कर चुका है। बार-बार एक ही चीज उठाने की जरूरत नहीं है। जोसेफ ने कहा कि मिशेल पिछले पांच साल से जेल में है। अगर मिशेल को सजा भी होती है तो से सर्वाधिक सजा है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 07 फरवरी 2023 को मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था। 23 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में 13 को आरोपित बनाया गया है। 19 सितंबर 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंट इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी. सापोनारो और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपित बनाया गया है। इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपित नहीं बनाया गया है क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
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