फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के साथ युद्ध के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के हर दबाव को को नकारते हुए गाजा के राफा शहर पर हमले को मंजूरी दे दी है। राफा गाजा का सबसे दक्षिणी शहर है, जिसे हमास के आतंकियों का अंतिम गढ़ माना जाता है।
इजरायल ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब साइप्रस से गाजा के लिए भोजन से लदा एक समुद्री जहाज रवाना हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, मिस्र, फ्रांस और कुवैत की मध्यस्थता में हमास के साथ युद्धविराम को लेकर बातचीत चल रही है। हमास ने इजरायल को अपना प्रस्ताव भेजा था। इसी को लेकर इजरायली वॉर कैबिनेट में शुक्रवार को चर्चा हो रही थी।
इसमें हमास ने कहा कि युद्धविराम के पहले चरण में वह सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले इजरायली बंधक महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को रिहा करेगा। जिन कैदियों को हमास रिहा करने की मांग कर रहा है उनमें कुछ इजरायली लोगों की हत्या के भी दोषी हैं। हालांकि, हमास के इस प्रस्ताव से आग बबूला इजरायल ने राफा शहर पर हमले को मंजूरी दे दी है।
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अमेरिकी चेतावनी बेअसर
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राफा शहर पर इजरायली हमले को लेकर चेताया था कि राफा उसके लिए ‘रेड लाइन’है। अगर वह ऐसा करता है तो ये उसी के लिए घातक सिद्ध होगा। हालांकि, बाइडेन ने ये भी कहा था कि इजरायल का साथ वो नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना था कि इजरायल की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
राफा में 2.3 मिलियन लोग
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा के दक्षिणी शहर राफा में करीब 2.3 मिलियन आबादी निवास करती है। यहां 10 लाख शरणार्थियों ने शरण मांगी है। उत्तरी और मध्य गाजा में इजरायली हमले के बाद से ही वहां से बड़ी संख्या में लोग दक्षिणी गाजा की तरफ पलायन कर गए थे। संयुक्त राष्ट्रने कहा है यहां भीषण अकाल की स्थिति है। लोग भूखे मर रहे हैं।
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