राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम शुक्रवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में यतीमखाने का निरीक्षण करने पहुंची। साथ में आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भी थे। वहां निरीक्षण के दौरान कार्य में बाधा डालने की कोशिश की गई। गुंडों ने फोन पर भीड़ को बुलाने को कहा। उसने फोन पर कहा कि मस्जिद से भीड़ बुलाने के लिए ऐलान करवा दो। प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया के जरिये यह जानकारी साझा की है।
आज कर्नाटक के बंगलुरु में एक अवैध यतीमख़ाने का निरीक्षण करने के दौरान चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। यहाँ 20 लड़कियाँ थीं जिनमें से अनाथ बच्चियाँ भी हैं। बच्चियों को स्कूल नहीं भेजा जाता है, पूरे बाल गृह में भी खिड़की या रोशनदान नहीं है,लड़कियों को एकदम क़ैद कर के रखा गया है। कुछ बच्चियाँ यहाँ आने के पहले स्कूल जातीं थीं,लेकिन उनकी पढ़ाई छुड़वा दी गयी है। बच्चियों ने बातचीत में बताया कि चिल्ड्रन होम की देखभाल करने वाली सलमा नाम की महिला लड़कियों के रिश्ते कुवैत में तय करवाती है। प्राथमिक बातचीत से प्रतीत होता है कि खाड़ी देशों में शादी के नाम पर तस्करी के लिए बच्चियों को ग्रूम करने का काम यहाँ किया जाता है। दक्षिण भारत में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
जाँच के दौरान जब लड़कियों को CWC के सम्मुख प्रस्तुत करने की बात आयी तो सलमा और उसके मालिक शमीर ने गुंडों को बुला लिया जिन्होंने झगड़ा करने की कोशिश की ,जब पुलिस के हस्तक्षेप से गुंडो को क़ाबू किया तो वे एक गुंडे ने फ़ोन पर किसी को और भीड़ को बुलाने के लिए मस्जिद से एलान करने के लिए कहा। पुलिस की सलाह पर महिला अधिकारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम लोग पुलिस स्टेशन आ गए हैं। हम लोग समपीगहल्ली पुलिस स्टेशन बेंगलुरु उत्तरपूर्व में बैठे हैं,थाने के बाहर गुंडे हमारे इंतेज़ार में बैठे हैं पुलिस ने FIR लिखने से मना कर दिया है। कर्नाटक सरकार तुष्टिकरण के चलते अपराधियों के आगे नतमस्तक है।
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