‘जो वेदों में लिखा है वही आज का विज्ञान है’। यह कहना है युवा लेखक विवान कारुलकर का, जिन्होंने मात्र 16 वर्ष की आयु में ‘सनातन धर्म’ को लेकर एक किताब लिख डाली। उनकी इस किताब की तारीफ करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहते हैं कि यही तो है ‘नया भारत’।
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विवान द्वारा लिखित इस किताब सनातन धर्म की वैज्ञानिकता को बताया गया है। विवान ने इस किताब की प्रतियों को कई लोगों को सौंपा। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी को भी इसकी एक प्रति भेंट की है। उन्होंने विवान के इस प्रयास की सराहना की है। अपनी इस पुस्तक के जरिए विवान ने उन कथित सेक्युलरों और वामपंथी जमात को जबाव दिया है, जो सनातन धर्म की वैज्ञानिकता पर सवाल उठाते हैं।
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लोगों ने इस पुस्तक के लेखन पर विवान की सराहना करते कहा कि विवान ने ये दिखा दिया है कि भारत की नई पीढ़ी विज्ञान के साथ ही अपने धर्म और संस्कृति के प्रति सजग है। प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल ने भी इसकी सराहना की है। इसके अलावा कई भाजपा नेताओं ने विवान के इस प्रयास की सराहना की है। गौरतलब है कि अपनी इस किताब में विवान ने सनातन धर्म की वैज्ञानिकता के बारे में भी बताया है।
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कौन हैं विवान कारुलकर
गौरतलब है कि ये पुस्तक लिखने वाले विवान कारुलकर प्रसिद्ध उद्योगपति और कारुलकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रशांत कारुलकर के बेटे हैं। उनकी इस पुस्तक का पूरा नाम ‘सनातन धर्म: सभी विज्ञानों का सच्चा स्रोत’ है।
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