इस्लामिक तालीम का केंद्र दारुल उलूम अपने फतवों के लिए चर्चा में रहता है। कुछ समय पहले उसने कहा है कि गजवा-ए-हिंद जायज है। यानी पूरे हिंद (भारत) पर इस्लाम का राज कायम करना है।
इसके बाद भारत सहित कई देशों में इस पर एक नई बहस छिड़ी है। छात्रों के भविष्य पर इसे संकट मानते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसके विरुद्व न्यायिक कार्रवाई करने की मांग की है, तो कुछ लोग इसके पक्ष में कुतर्कों के साथ खड़े हैं।
पाञ्चजन्य के इस विशेष आयोजन में पढ़ें कि आखिर गजवा-ए-हिंद का उद्देश्य क्या है, इसके पीछे की मानसिकता क्या है, दारुल उलूम के फतवों से किस तरह के विवाद होते रहे हैं…
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