भारत सरकार ने देश में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) को लागू कर दिया है। लेकिन केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन यह कहकर लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो सीएए कानून को केरल में लागू नहीं होने देंगे। इस कानून को केरल में लागू करना ही पड़ेगा। ये देश के सभी लोगों के लिए आवश्यक है। यह कहना है एक्टर और भाजपा नेता सुरेश गोपी का।
सुरेश गोपी त्रिशूर में चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से बात कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने सीएए को लेकर कहा, “सीएए को एक दिन लागू करना ही होगा। अब, केंद्र ने इसे लागू कर दिया है। गरीबी उन्मूलन इस देश के सभी लोगों के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री यह कहकर लोगों को धोखा दे रहे हैं कि सीएए लागू नहीं किया जाएगा। हो सकता है कि इससे उन्हें चुनाव में कुछ फायदा हो।”
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सीएम विजयन का बयान
गौरतलब है मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भारत सरकार द्वारा सीएए को लागू करने को लेकर कहा था कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधानों को अधिसूचित करके देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक मानने वाला नागरिकता संशोधन अधिनियम केरल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने सीएए को सांप्रदायिक कानून करार देते हुए कहा कि इसके खिलाफ पूरा केरल एकजुट होगा।
क्या राज्य के पास सीएए को रोकने की ताकत है?
CAA को लेकर केरल के मुख्यमंत्री के दावों से पहले बता दें कि भारतीय संविधान में संघ, राज्य और समवर्ती सूची है। राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के अधिकारों का वर्णन सातवीं अनुसूची में किया गया है। इसके तहत रक्षा, विदेश मामले, जनगणना और नागरिकता जैसे 100 मामले केंद्र सरकार के अधीन होते हैं। इनमें कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है।
राज्य की सूची में कोर्ट, सड़क, वन, स्वास्थ्य जैसे करीब 61 मामलों में राज्य सरकार कानून बना सकती है। लेकिन अगर केंद्र सरकार किसी विषय पर कानून बना लेता है तो राज्य सरकारें उसे मानने के लिए बाध्य होंगी। केंद्र सरकार की सूची से जुड़े विषयों पर फैसले लेने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है।
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