देश में सीएए कानून लागू होने पर भारतीय मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भारत सरकार की तारीफ करते हुए इस कानून का स्वागत किया है। बरेलवी ने कहा कि इस कानून को देश में पहले ही लागू हो जाना चाहिए था। खैर देर आए दुरुस्त आए। मुस्लिम मौलाना ने कहा कि इस कानून को लेकर कई सारे मुस्लिमों में गलतफहमियां हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुस्लिम मौलाना ने एक बयान में कहा, “भारत सरकार ने सीएए कानून लागू किया है। मैं इस कानून का स्वागत करता हूं। यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था। इस कानून को लेकर मुसलमानों में गलतफहमियां हैं। इस कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने के लिए कोई कानून नहीं था, जिन्हें धर्म के आधार पर अत्याचार का सामना करना पड़ा था। इसलिए यह कानून बनाया गया है।”
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मौलाना रजवी ने ये स्पष्ट किया कि CAA कानून से भारत के करोड़ों मुसलमानों पर बिल्कुल भी असर नहीं पड़ेगा। इस कानून से किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं छीनी जा रही है। पिछले सालों में देखा गया है कि विरोध प्रदर्शन हुए हैं, यह गलतफहमी के कारण था। कुछ राजनीतिक लोगों ने मुसलमानों के बीच गलतफहमियां पैदा कीं। भारत के हर मुसलमान को सीएए का स्वागत करना चाहिए।”
गौरतलब है कि सीएए कानून को 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में पारित किया गया था। इसके बाद इसे 11 दिसंबर को राज्यसभा में भी पास करा लिया गया। इसके अगले ही दिन राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी थी। हालांकि, विरोध के चलते सरकार ने इसे होल्ड कर दिया था। हाल ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए बिल को लागू किया जाएगा। अब सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए इसे देश में लागू भी कर दिया है।
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