नई दिल्ली। केरल वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के द्वितीय वर्ष के छात्र जेएस सिद्धार्थ का 18 फरवरी को वायनाड कैंपस हॉस्टल के बाथरूम में शव मिला था। जांच में सामने आया कि जेएस सिद्धार्थ पर एसएफआई से जुड़े अपराधियों ने केबल तार, बेल्ट से हमला कर बुरी तरह मारपीट की। उन्हें छात्रावास में निवर्स्त्र कर परेड कराई। उक्त जघन्य घटना के बाद 18 फरवरी को जेएस सिद्धार्थन का शव हॉस्टल के बाथरूम में लटकता हुआ मिला था। सोमवार को जेएनयू में इसके विरोध में प्रदर्शन हुआ, वहीं 12 मार्च को डीयू में जोरदार प्रदर्शन होगा।
घटना के बाद से ही केरल में एबीवीपी की विभिन्न इकाइयों द्वारा न्याय की मॉंग तथा एसएफआई के गुंडों-अपराधियों की लगातार अपराध संलिप्तता को रोकने की मॉंग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं, सोमवार को जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने एसएफआई का पुतला दहन किया एवं इस घटना में शामिल सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। एबीवीपी की तरफ से कहा गया कि अभाविप शैक्षिक परिसरों में छात्रों के मध्य आनंदमयी छात्र जीवन अभियान के साथ छात्रों के बीच तनावमुक्त शैक्षिक वातावरण बनाने पर कार्य कर रहा है वहीं एसएफआई जैसे वामपंथी संगठन छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और उनकी हत्या तक कर दे रहे हैं। अभाविप का यह प्रदर्शन शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा और तनावमुक्त वातावरण बनाने के लिए एवं एसएफआई द्वारा छात्रों पर प्रताड़ना एवं अत्याचार के विरोध में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अभाविप जेएनयू ने सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की। अभाविप जेएनयू के अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा, “एसएफआई द्वारा छात्रों पर लगातार किए जा रहे हमले निंदनीय हैं। यह संगठन छात्रों के बीच भय, विषाद, हिंसा और भेदभाव फैलाने का काम कर रहा है। हम सरकार से मांग करते हैं कि एसएफआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”
वहीं जेएनयू इकाई मंत्री विकास पटेल ने कहा, “यह घटना शिक्षण संस्थानों में बढ़ती हिंसा और अराजकता का एक गंभीर चिंता का विषय है। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए।”
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