नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से इंकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में बंगाल पुलिस पर की गई सख्त टिप्पणियों को हटाने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा किया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा कि शाहजहां शेख के खिलाफ 42 एफआईआर दर्ज हैं। ये एफआईआर कब से दर्ज की गई है? आखिर शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने में इतनी देरी क्यों की गई?
दरअसल, 5 मार्च को कलकत्ता हाई कोर्ट ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपित शाहजहां शेख काफी प्रभावी व्यक्ति हैं और उसका सत्ताधारी दल से संबंध है। राज्य की पुलिस ने उसे बचाने के लिए लुका-छिपी का खेल खेला।
उल्लेखनीय है कि ईडी अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख के यहां छापा मारने गए थे, जहां उन पर हमला किया गया था। हाई कोर्ट में ईडी ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी, जिसके बाद शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपा गया।
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