नई दिल्ली। अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना लगातार सक्रिय है लेकिन इसके बावजूद विदेशी व्यापारिक जहाजों पर समुद्री डाकुओं के हमले थम नहीं रहे हैं। पिछले दो दिनों के भीतर दो विदेशी जहाजों पर ड्रोन या मिसाइल से हमले किये गए हैं। शिपिंग लेन से जा रहे बारबाडोस और लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाजों पर हमले के बाद भारतीय युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने तुरंत प्रतिक्रिया देकर समुद्री डाकुओं को खदेड़कर चालक दल को बचाया है।
अदन की खाड़ी में सोमालियाई समुद्री डकैतों की घटनाएं पिछले साल दिसंबर से शुरू हुईं थीं। तब से दो दर्जन से अधिक वारदात हो चुकी हैं लेकिन समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने विदेशी जहाजों और उनके चालक दल को सुरक्षित बचाकर अरब सागर में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसी के साथ भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी, लाल सागर और मध्य-उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों के साथ हुईं घटनाओं को देखते हुए निगरानी बढ़ा दी है। नौसेना ने लंबी दूरी के समुद्री टोही पी-8आई विमानों के साथ अपने 10 युद्धपोत तैनात किये हैं।
इन सब के बावजूद 6 मार्च को अदन की खाड़ी से गुजर रहे बारबाडोस के ध्वज वाले बल्क कैरियर एमवी ट्रू कॉन्फिडेंस पर अदन से लगभग 55 नॉटिकल मील दक्षिण पश्चिम में एक ड्रोन के जरिये मिसाइल हमला किया गया। इसके बाद जहाज पर आग लग गई और चालक दल के कुछ सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिससे चालक दल को जहाज छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी बीच समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात आईएनएस कोलकाता को सूचना मिली, जिस पर भारतीय युद्धपोत 04.45 बजे घटनास्थल पर पहुंचा। युद्धपोत ने अपने हेलीकॉप्टर और नौकाओं का उपयोग करके एक भारतीय नागरिक सहित 21 चालक दल के सदस्यों को लाइफ बेड़ा से बचाया। जहाज की चिकित्सा टीम ने घायल चालक दल को महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता दी। गंभीर रूप से घायल कर्मियों सहित बचाए गए दल को आईएनएस कोलकाता के जरिये अपराह्न जिबूती ले जाया गया है।
इसी तरह भारतीय नौसेना ने लाइबेरिया ध्वजांकित कंटेनर पोत एमएससी स्काई II को 04 मार्च को अदन की खाड़ी में सहायता देकर समुद्री डाकुओं से बचाया। लाइबेरियाई कंटेनर पोत पर भारतीय समयानुसार 7.00 बजे अदन से लगभग 90 नॉटिकल मील दक्षिण पूर्व में ड्रोन के जरिये मिसाइल से हमला किया गया था। इस पर चालक दल ने जहाज पर आग लगने से धुआं फैलने की सूचना दी। इस पर अदन की खाड़ी में तैनात आईएनएस कोलकाता को तुरंत आवश्यक सहायता देने के लिए भेजा गया।
भारतीय युद्धपोत देर रात 10.30 बजे घटनास्थल पर पहुंच गया और संकट में फंसे लाइबेरियाई कंटेनर पोत के अनुरोध का जवाब दिया। चालक दल के अनुरोध पर कंटेनर पोत को भारतीय जहाज के जरिये घटनास्थल से जिबूती के क्षेत्रीय जल तक ले जाया गया। दूसरे दिन 05 मार्च को सुबह नौसेना की विशेषज्ञ अग्निशमन टीम के 12 कर्मी उक्त जहाज पर सवार हुए और आग बुझाने में सहायता प्रदान की। इसके अतिरिक्त एक विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) टीम भी अवशिष्ट जोखिम मूल्यांकन के लिए एमवी में शामिल हुई। इस जहाज से 13 भारतीय नागरिकों सहित 23 कर्मियों के दल को सुरक्षित बचाया गया है। इसके बाद जहाज को अपने अगले गंतव्य की ओर रवाना किया गया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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