भारत में लाखों मंदिर हैं, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। वैसे तो भारत में कई अनोखे मंदिर हैं और सभी की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कमल के फूल पर बना हुआ है। जी हां, यह मंदिर भारत के तेलंगाना में स्थित है। बड़े कमल के फूल पर बना यह मंदिर सचमुच कला का अद्भुत नमूना है। आज इस आर्टिकल की मदद से हम आपको बताएंगे इस मंदिर की खासियत और यहां कैसे पहुंचा जाए।
भगवान शिव की पूजा
यहां भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग रूप में दर्शन होते हैं। यहां का शिवलिंग भी बहुत खास है, इस पर त्रिनेत्र, रुद्राक्ष और नाभि स्वाभाविक रूप से दिखाई देते हैं। यहां दर्शन करके आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप सचमुच भगवान के सामने खड़े हैं। इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि यह शिवलिंग भगवान शिव की कृपा से पुरूषोत्तम भाई नामक भक्त को नर्मदा नदी के तट पर मिला था। मंदिर के चारों तरफ राधा कृष्ण, लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी, हनुमान जी , वेंकटेश्वर स्वामी जैसे विभिन्न देवताओं के दर्शन करने को मिलेंगे।
भक्तों द्वारा अभिषेक
यहां सुबह 8 बजे से पूजा शुरू हो जाती है और सबसे पहले आने वाले भक्तों के हाथों भगवान का अभिषेक किया जाता है। ये फ्री है, इसके बाद अभिषेक करने के लिए 201 रुपये का चार्ज लगता है। मंदिर के दोनों ओर आपको दो बड़े कलश दिखाई देंगे। इस मंदिर के परिसर में गौशाला और यज्ञशाला भी है साथ ही मंदिर परिसर में गुरुकुलम द्वारा एक फूड कोर्ट की भी व्यवस्था है। इसके अलावा यहां छोटे बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी है।
प्रवेश शुल्क
यहां प्रवेश शुल्क 10 रुपये प्रति व्यक्ति है। यहां आप सुबह 8-10 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।
ऐसे पहुंचे
अगर आप दिल्ली से जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको सिकंदराबाद के लिए ट्रेन मिल जाएगी। जो लोग चिलकुर की यात्रा करना चाहते हैं वे चिलकुर जाने के बाद इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। चिलकुर बालाजी वीजा वाले बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि बाबा के दर्शन करने से ही लोगों को जल्द ही नौकरी मिल जाती है। यह मंदिर चिलकुर बालाजी मंदिर से 3 किमी और मेहदीपट्टनम से 18 किमी दूरी पर स्थित है।
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