भारत सरकार ने दुर्लभ बिग कैट प्रजातियों के वैश्विक संरक्षण के लिए एक विश्वस्तरीय योजना को मंजूरी दी है। इसे इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस (IBCA) नाम दिया गया है। इस योजना में देश दुनिया में टाइगर,शहर,प्यूमा, जगुआर, चीता, लेपर्ड, हिम तेंदुआ के संरक्षण और सुरक्षा जैसे विषयों को रखा गया है।
खास बात ये कि इस अंतरराष्ट्रीय संस्था का मुख्यालय भारत में होगा। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मोदी कैबिनेट में हुए इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए बताया कि बिग कैट्स वैश्विक नेटवर्क के लिए इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 150 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।
उल्लेखनीय है भारत में चीता प्रजाति लुप्त हो गई थी अब इसके अफ्रीकी देशों से लाकर पुनः संरक्षित किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण देश में बाघों के संरक्षण के लिए काम कर रहा है, इसी तरह शेर और हिम तेंदुए के लिए भी परियोजनाएं चल रही हैं। दुनिया के कई देश जगुआर, प्यूमा, तेंदुआ आदि बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।
भारत सरकार की इस नई पहल से दुनिया के 96 देशों को इस बिग कैट संरक्षण के नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा, जानकारी के मुताबिक बिग कैट्स प्रजातियों के एक दूसरे के देशों में भी भेज कर उनकी ब्रीडिंग कराने की भी इस योजना के उद्देश्यों में ये बात कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि भारत में टाइगर के संरक्षण और सुरक्षा में अच्छी खासी सफलता मिली है।
वन्य जीव विशेषज्ञों ने किया स्वागत
हिम तेंदुए और बाघों पर सालो से काम करने वाले डा विपुल मौर्य का कहना है कि मोदी कैबिनेट का निर्णय स्वागत योग्य है। बिग कैट्स के संरक्षण की इस योजना से भारत को वैश्विक लीडरशिप मिलेंगी, बाघ तेंदुए भारत में तेजी से बढ़ रहे है और अब इन्हे दुनियां के जंगलों में भी भेजा जा सकता है और प्यूमा चीता जैसे दुर्लभ जीवों को भारत के जंगलों में लाया जा सकता है। इन विषयो पर भारत में यदि चिंतन मंथन होगा तो ये एक अच्छी खबर है।
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