पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ बर्बरता और उनकी जमीनों पर कब्जे के आरोपी शेख शाहजहां को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। जब पुलिस उसे बशीरहाट लोकल कोर्ट के लॉकअप में लेकर जा रही थी, जिस अंदाज में वो वहां गया, उसका वो रौब उसकी सत्ता में धमक को दिखा रहा था। लेकिन अब जो शेख शाहजहां के बारे में खुलासा हुआ है वो और अधिक चौंकाने वाला है। बीते 10 वर्षों में उसके खिलाफ 43 से अधिक केस दर्ज किए गए, लेकिन हैरानी की बात ये है कि ज्यादातर मामलों में FIR ही डिलीट कर दी गई। उसके खिलाफ चार्जशीट ही गायब हो गई। शायद यही कारण है कि शेख शाहजहां इतनी ठसक के साथ कोर्ट के अंदर गया था।
इंडिया टु़डे ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उसके पास ऐसे कई सारे दस्तावेज हैं, जिनसे ये पता चलता है कि आरोपी शेख शाहजहां के खिलाफ दर्ज किए गए कई केस की चार्जशीट ही गायब है और कुछ तो अभी लंबित ठंडे बस्ते में पड़े हुए हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने इस माफिया के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। गुरुवार को जब संदेशखाली के विलेन के वकील ने कोलकाता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर तत्काल जांच की मांग की तो हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इससे इनकार करते हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ कुल 43 केस दर्ज किए गए हैं और अगले 10 वर्षों तक ये आपको व्यस्त रखेगा और 10 वर्ष के बाद इसके केस देखने होंगे।
2019 की वारदात और अब तक पूछताछ नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में चुनावों के बाद जून 2019 में ही नजरत पुलिस थाने में शेख शाहजहां और उसके साथियों के खिलाफ देबदास मंडल, उनके पिता प्रदीप मंडल और सुकांत मंडल की हत्या के मामले में FIR दर्ज की जाती है। बताया जाता है कि ये लोग कथित तौर पर भाजपा के कार्यकर्ता थे, जिस कारण से टीएमसी के गुंडे ने हत्या कर दी। पुलिसिया एफआईआर के मुताबिक, शेख शाहजहां अपने करीब 150 साथियों के साथ हथियारों के साथ देवदास मंडल के घर में घुसता है और वहां तोड़फोड़ करता है। उनके पिता की हत्या करके घर को आग लगा दी गई। जब देबदास मे अपनी जान बचाने के लिए भागने कोशिश की तो उनकी भी हत्या कर दी गई। बाद में उनका शव नदी किनारे मिली।
इसके बाद भी इनकी खून की प्यास नहीं बुझी। वहां से ये कट्टरपंथी सुकांता मंडल की दुकान में घुस गए और उनकी भी हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में 23 नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया, लेकिन हैरानी की बात ये है कि कभी भी इनसे पूछताछ तक नहीं की गई। शेख शाहजहां के खिलाफ दर्ज केस की एफआईआर को डिलीट कर दिया गया है और चार्जशीट भी नहीं मिली है।
गिरफ्तारी पर भी उठ रहे सवाल
भले संदेशखाली के विलेन को 55 दिन के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने संदेशखाली से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित मिनाखाली से गिरफ्तार कर लिया हो। लेकिन पुलिस की इस गिरफ्तारी पर भी सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर नेटिजन्स का कहना है कि कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद शेख शाहजहां को इसलिए गिरफ्तार किया गया, ताकि उसे सीबीईआई और ईडी की गिरफ्तारी से बचाया जा सके।
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