भारत पाकिस्तान की ओर जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने के लिए अपनी परियोजना पूरी करने जा रहा है तो इसको लेकर एक घटना सामने आई है जिससे या तो पाकिस्तान की शरारत या फिर कोई षड्यंत्र माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
बीती रात पंजाब के पठानकोट में रणजीत सागर डैम क्षेत्र में आसमान पर संदिग्ध गतिविधि देखे जाने के बाद खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया और डैम की सुरक्षा में तैनात चौथी भारतीय आरक्षी बटालियन के जवानों को सतर्क कर दिया गया। बुधवार रात आईआरबी के जवानों ने डैम क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया लेकिन अंधेरा ज्यादा होने के कारण कोई भी संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई।
पंजाब पुलिस के डीएसपी धारकलां लखविंदर सिंह ने बताया कि जब गुरुवार को दोबारा पंजाब पुलिस और आईआरबी ने मिलकर तलाशी अभियान चलाया तो पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा के निकट गांव थीन में नदी किनारे एक गुब्बारा मिला। इसमें पीआईए लिखा है।
थाना धार कलां पुलिस ने गुब्बारे को अपने कब्जे में ले लिया। जानकारी के मुताबिक बुधवार रात को करीब साढ़े नौ बजे के आसपास डैम क्षेत्र के आसमान में ड्रोन जैसी वस्तु उड़ती दिखी। काफी आवाज भी आ रही थी। यह संदिग्ध वस्तु रात 11 बजे तक डैम क्षेत्र में उड़ती रही। सुरक्षा के लिहाज से यह बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है।
वहीं, डीएसपी लखविंदर सिंह रंधावा के नेतृत्व में एसओजी कमांडो और जिला पुलिस के जवानों के साथ डैम क्षेत्र के जंगलों और खंडहर कॉलोनी में तलाशी अभियान चलाया। डीएसपी ने कहा कि पठानकोट के रंजीत सागर डैम क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर सीमा के निकट पाकिस्तानी गुब्बारा मिला है। इसके बाद पुलिस और कमांडो ने पूरे क्षेत्र का चप्पा-चप्पा खंगालना शुरू कर दिया। पूरे इलाके को सील करके पुलिस की तरफ से सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। पाकिस्तानी गुब्बारे के अलावा पुलिस को कोई और वस्तु नहीं मिली है, पुलिस की सर्च जारी है।
आशंका है कि पाकिस्तान भी बड़ी साजिश रच सकता है। इसका कारण यह है कि हाल ही में शाहपुरकंडी बैराज बांध का काम पूरा हो गया है। ट्रायल के तौर पर झील के कैचमेंट एरिया में पानी भी भरा गया है। शाहपुरकंडी बैराज बांध रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी इकाई है।
अभी रावी नदी का कुछ पानी माधोपुर हेडवक्र्स से पाकिस्तान चला जाता है। मगर अब इस परियोजना के पूरा होने से पाकिस्तान को जाने वाले पानी पर रोक लगेगी। रावी नदी का ये अतिरिक्त पानी पंजाब और जम्मू को मिलेगा। परियोजना पर करीब 2,793 करोड़ रुपये की लागत आई है।
ज्ञात रहे कि पाकिस्तान इससे पहले पंजाब और 1965 के युद्ध के दौरान इसी तरह के गुब्बारों से जासूसी भी करता रहा है। पुलिस गुब्बारे की जांच कर रही है।
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