लखनऊ। टीले वाली मस्जिद के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। कल शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को देखते हुए भी पुलिस अलर्ट है। आस- पास के क्षेत्र में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी. राजधानी लखनऊ स्थित टीले वाली मस्जिद मामले में लखनऊ जनपद न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की रिवीजन याचिका बुधवार को खारिज कर दी थी।
न्यायालय ने कहा था कि, हिंदू पक्ष का मुकदमा सुने जाने योग्य है. हिंदू पक्ष ने टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण का टीला बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि टीले वाली मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई गई थी. लखनऊ की टीले वाली मस्जिद पर हिंदू पक्ष के दावे को लेकर याचिका दाखिल की गई थी है. वर्ष 2013 में वाद योजित किया गया था. वाद में कहा गया है कि टीले वाली मस्जिद, दरअसल में लक्ष्मण टीला है. इसलिए उस स्थान को हिन्दुओं को सौंपा दिया जाना चाहिए और साथ ही यह भी मांग की गई है कि पूजा –पाठ की अनुमति दी जाए।
हिन्दुओं की ओर से दावा किया गया कि टीले वाली मस्जिद का पूरा परिसर टीलेश्वर महादेव का स्थान है, वहां पर आक्रान्ता औरंगजेब ने तोड़फोड़ कराया था. न्यायालय ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया था. जिस पर प्रतिवादी पक्ष की ओर से इस वाद को खारिज करने की मांग की गई मगर न्यायालय से कोई राहत नहीं मिल . इस मुकदमे में पुरातत्व विभाग, उत्तर प्रदेश राज्य , जिलाधिकारी लखनऊ, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ, एवं डीजीपी आदि को पक्षकार बनाया गया है.
टीले वाली मस्जिद को लेकर वर्ष 2018 में भी विवाद सामने आया था. जब वहां पर लक्ष्मण जी की मूर्ति लगाने का विरोध किया गया था. एक जानकारी के अनुसार टीले वाली मस्जिद, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के नियमों के विरुद्ध बनाई गई है. इसका खुलासा सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगे गए एक पत्र के जवाब में पहले ही हो चुका है. लखनऊ निवासी अजय वाजपेयी ने 27 सितम्बर 2017 को आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया को सूचना के अधिकार के अंतर्गत पत्र लिख कर यह जानकारी माँगी थी कि टीले वाली मस्जिद में निर्माण कराया गया जबकि इमामबाड़े के 100 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण कराने पर आर्कियो लाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) ने रोक लगा रखी है. इस सम्बन्ध में क्या कार्रवाई की गयी ? उक्त पत्र का जवाब देते हुए एएसआई की तरफ से बताया गया कि इमामबाड़े के 100 मीटर के क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबन्ध है .इसके बावजूद वहा पर निर्माण कराया गया . इस पर एएसआई ने सम्बंधित लोगों के खिलाफ 9. 8. 2016 को अवैध निर्माण कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी और कारण बताओ नोटिस भी दी गई थी.
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