एक अजीब सा चलन देखने में आ रहा है पड़ोसी इस्लामी देश में। जहां इस देश के खजाने खाली हो रहे हैं, रोटी के लाले पड़ गए हैं, तो वहीं सरकारी कर्मचारियों के वेतन के मिलने का भी कोई ठिकाना नहीं रहा है। ऐसे में इस देश की सरकारी हवाई सेवा के पास इतने पैसे भी नहीं बचे हैं कि जहाजों में तेल भरवा सके। कर्ज पर लिए कई जहाजों को तो कर्ज देने वाले देश अपने यहां आने पर ‘कब्जे’ में ले लेते हैं। इन हालात में अब इस हवाई सेवा की एयरहोस्टेस ने अपने देश और हवाई सेवा से कन्नी काटने का नया तरीका खोजा है। जहाज कनाडा पहुंचा नहीं कि एयरहोस्टेस वापसी की उड़ान में सवार होने की बजाय कनाडा में ‘गायब’ हो जाती हैं।
यह कहानी है भारत के कंगाल पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान और उसकी हवाई सेवा पीआईए की। बीते कुछ दिनों से सरकारी पीआईए एयरलाइन के कनाडा जाने वाले जहाज बिना एयरहोस्टेस के लौटते दिख रहे हैं। एयरहोस्टेस वहां जाकर ‘थैंक यू’ लिखी पर्ची रखकर गायब हो जा रही हैं।
पीआईए यानी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सामने अब केबिन क्रू और एयर होस्टेस को लेकर जो नई मुसीबत खड़ी हो रही है उसका कोई समाधान भी नहीं मिल रहा है। कारण यह कि अपने स्टाफ को वेतन देने के पैसे न होने से यह हवाई सेवा उनको अपने से दूर होने से रोक नहीं पा रही है।
होता ये है कि पीआईए की एयरहोस्टेस कनाडा की उड़ान की अपनी ड्यूटी पर तो बाकायदा जाती हैं, लेकिन उनमें से सारी लौटकर पाकिस्तान नहीं आतीं। वे एक पर्ची पर ‘थैंक यू’ लिखती हैं और बिना कागजात, वीसा के ही कनाडा में ‘गायब’ हो जाती हैं। इसके बाद पीआईए की वह उड़ान बिना एयरहोस्टेस के ही लौट आता है।
खुद पाकिस्तानी नागरिक भी देश की विमान सेवा पीआईए से कहीं जाने से कतराने लगे हैं। उन्हें भरोसा नहीं होता कि किसी उड़ान में इतना तेल है कि वह उन्हें गंतव्य पर पहुंचा देगा। तेल पूरा हो तो भी विमान की जर्जर हालत और अंदर की अव्यवस्था की वजह से पाकिस्तानी पीआईए को ढचरा एयरलाइन ही मानते हैं और दूसरे विकल्प ही चुनने की कोशिश करते हैं।
इस साल जनवरी में एक एयरहोस्टेस मुख्तार भी कनाडा में ‘गायब’ हो गई थी। तब पीआईए की तरफ से बताया गया था कि मुख्तार को कनाडा पहुंचने के बाद वापसी की कराची की उड़ान में ड्यूटी देनी थी। लेकिन वह कहीं दिखी ही नहीं, कनाडा में ही कहीं ‘गायब’ हो गई।
पीआईए की एक एयरहोस्टेस का किस्सा इन दिनों वहां खूब चर्चित हो रहा है। यह एयरहोस्टेस मरियम उड़ान से कनाडा गई, लेकिन जब वापसी की उड़ान पर उसकी खोज हुई तो वह कहीं नहीं दिखी। थक—हारकर अधिकारी उस होटल में गए जहां उसे ठहराया गया था। वहां उसके कमरे से एक पर्ची मिली, जिस पर लिखा था—’थैंक्यू यू’! वहीं उसकी पीआईए की यूनिफार्म भी लटकी मिली।
दिसम्बर 2023 की मरियम की कहानी इकलौती ऐसी कहानी नहीं है। उससे पहले से यह चलन देखने में आ रहा था। उससे पहले भी कुछ एयरहोस्टेस कनाडा जाकर पीआईए को टाटा कर चुकी थीं। पीआईए के एक अधिकारी ने बताया कि यह चलन पिछले कुछ साल से देखने में आता रहा था। लेकिन सरकार ने इस दिक्कत को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया। एक, दो नहीं कम से कम कई दर्जन पीआइए एयरहोस्टेस कनाडा में ‘गायब’ हो चुकी हैं। कई तो वहीं अपना बस भी गई हैं। इसके लिए उन्होंने कंपनी तक को नहीं पूछा, न कोई एनओसी लिया।
इसी तरह इस साल जनवरी में एक एयरहोस्टेस मुख्तार भी कनाडा में ‘गायब’ हो गई थी। तब पीआईए की तरफ से बताया गया था कि मुख्तार को कनाडा पहुंचने के बाद वापसी की कराची की उड़ान में ड्यूटी देनी थी। लेकिन वह कहीं दिखी ही नहीं, कनाडा में ही कहीं ‘गायब’ हो गई।
पता चला है कि पाकिस्तानी हवाई सेवा के उड़ान सेवा के कई लोग जैसे पायलट, एयरहोस्टेस, उड़ान कर्मी साल 2018 से ही कनाडा में बसने की कोशिश करते आ रहे हैं। अब इस तरह का चलन हवाई सेवा के लिए एक नया सिरदर्द साबित हो रहा है। पैसे की भारी तंगी झेल रही जिन्ना के सपनों के इस्लामी देश की हवाई सेवा अपने कर्मियों की बेहतरी का कोई वादा भी नहीं कर सकती।
इस चलन से पीआईए की विश्व स्तर पर बदनामी हो रही है। विमान और उड़ानों की खबर देने वाली ‘सिंपल फ्लाइंग’ वेबसाइट भी लिखती है कि कनाडा जाकर न लौटने का पीआईए कर्मियों का यह चलन इधर तेज होता गया है। एक अन्य वेबसाइट ‘मिडईस्ट’ का तो यह कहना है कि 2018 के शुरू में ही पता चल गया था कि पीआईए के कई उड़ान कर्मी कनाडा व कुछ अन्य देशों में जा बसने के लिए शरण की उम्मीद लगाए हुए हैं। पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि पीआईए के सात उड़ान कर्मी कनाडा जाकर ‘गायब’ हो गए थे।
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