अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक तरह से बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। कोर्ट चाहता है कि पूर्व राष्ट्रपति होने के कारण 2020 कैपिटल हिल हिंसा के मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए ट्रंप के एक और मौका दिया जाना चाहिए। ऐसे में अब 22 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट उनकी मौखिक दलीलों को सुनेगा।
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान दिया था कि वो एक पूर्व राष्ट्रपति हैं और इस कारण से उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। उनकी इन दलीलों पर सहमति व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला किया है। कोर्ट ने डीसी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील अदालत में 22 अप्रैल को अपने हालिया फैसले पर कोर्ट विचार करेगा। जबकि, इससे पहले इसी माह सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के अपने बचाव करने के दावे तक को खारिज कर दिया था।
कोर्ट के इस फैसले के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ तब तक आपराधिक मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा, जब तक कि सुप्रीम कोर्ट मामले में अपना फैसला नहीं सुना देता है। नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जाने पर भी संदेह पैदा हो गया है। जानकारों का ये भी कहना है कि इस मामले को लेकर सुनवाई के कारण ट्रंप को अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे में भी देरी करने में मदद मिलेगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के खिलाफ आपराधिक केस चला रहे स्पेशल वकील जैक स्मिथ के मामलों पर रोक लगा दिया है। कोर्ट का मानना है कि जब 2020 में जो बाइडेन की चुनावी जीत को उन्होंने (ट्रंप) पलटने की कोशिश की थी उस दौरान वो राष्ट्रपति थे।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन को जो बाइडेन की डेमोक्रेट ने हरा दिया था। हालांकि, ट्रंप के समर्थकों में चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कैपिटल हिल्स पर चढ़ाई कर दी। इसी मामले में उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
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