कोलकाता । उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैं। शनिवार को एक बार फिर संदेशखाली के माझेरपाड़ा इलाके में लाठी-डंडे और झाड़ू लेकर सैकड़ों महिलाएं उतर गई और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इन महिलाओं ने जल्द से जल्द शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने की मांग की और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये।
वहीं सूचना मिलने के बाद अतिरिक्त संख्या में पुलिस की टीम मौके पर पहुंची लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा। बता दें कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर रखी है और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कर रखी है।
वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन संदेशखाली का दौरा किया है। आयोग की टीम ने कई महिलाओं से मिलकर बातचीत की और उनकी शिकायतों को नोट किया है। मानवाधिकार आयोग की टीम को सामने देखकर लोगों ने अपने साथ हुए अत्याचार और प्रताड़ना की कहानी बयां की है जिसे नोट किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
शेख शाहजहां के विदेश फरार होने की आशंका
वहीं लंबे समय से फरार चल रहे संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपित शेख शाहजहां के विदेश फरार होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस कह रही है कि यह ईडी का काम है कि उसे गिरफ्तार करे। इस बीच इस बात के दावे किए जा रहे हैं कि वह भारत से बाहर किसी दूसरे देश यहां तक कि लंदन भी फरार हो सकता है।
संदेशखाली का ओसामा बिन लादेन है शेख शाहजहां
शेख शाहजहां को ईडी के वकील ने ओसामा बिन लादेन जैसा बताया है। संदेशखाली में शाहजहां का ही कानून चलता है। कभी मजदूरी करने वाला 42 साल का शाहजहां आज संदेशखाली का ‘मालिक’ है। इससे पहले शाहजहां 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में चर्चा में आया था। तृणमूल कांग्रेस में आने के बाद उसका कारोबार बढ़ता गया।
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हमेशा हथियारबंद लोगों से घिरे रहने वाले शाहजहां ने 2023 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में बताया था कि उसके पास में 1.92 करोड़ रुपए और 17 वाहन हैं। उसने 2.39 करोड़ रु के गहने और 43 बीघा जमीन की भी जानकारी दी थी। सबसे पहले शाहजहां 2006 में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हुआ था। 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद तृणमूल कांग्रेस का सदस्य बना और जल्दी ही ज्योतिप्रिय मल्लिक का खास आदमी बन गया।
संदेशखाली के हालात नंदीग्राम की तरह
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संदेशखाली के हालात की तुलना नंदीग्राम से की जहां 2007-08 में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार के जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन से तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आई थी। उन्होंने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा,‘‘ संदेशखाली के हालात नंदीग्राम की तरह ही है। लोगों ने भूमि पर कब्जे, यौन उत्पीड़न और इलाके में लोकतंत्र की हत्या समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं।’’
संदेशखाली को लेकर कोलकाता में लगातार धरना देगी भाजपा
संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार आंदोलन के मूड में है। स्थानीय तृणमूल नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों की ओर से सालों तक महिलाओं का शोषण किए जाने और पुलिस की ओर से कोई मदद नहीं मिलने को लेकर भारतीय जनता पार्टी अब राजधानी कोलकाता में भी ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने संदेशखाली घटना के विरोध में कोलकाता में लगातार तीन दिनों तक धरना कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना बनाई है। यह धरना कोलकाता में गांधी प्रतिमा के नीचे अगले मंगलवार 27 फरवरी से शुरु होकर गुरुवार 29 फरवरी तक लगातार तीन दिनों तक चलेगा। बताया जा रहा है कि धरना कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी करेंगे। इसके बाद छह मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पश्चिम बंगाल दौरा होना है, जहां उनके मंच पर भी संदेशखाली के पीड़ितों को ले जाया जाएगा।
पीएम मोदी से मिल सकते हैं संदेशखाली के पीड़ित
सुकांत मजूमदार की मने तो अगर सब कुछ ठीक रहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह मार्च को बारासात के कचहरी मैदान में सभा करेंगे। भाजपा की योजना उस सभा में संदेशखाली के ”पीड़ितों” को पेश करने की है। इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री 29 फरवरी को राज्य में आने वाले थे। उस दिन उन्हें नदिया के मायापुर स्थित इस्कॉन मंदिर जाना था। इसके बाद राणाघाट और आसपास की अन्य लोकसभाओं के भाजपा नेतृत्व के साथ उनकी बैठक होनी थी। हालांकि, वह दौरा रद्द कर दिया गया है। इस बीच राजधानी कोलकाता में पार्टी का विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार के लिए सर दर्द बनने वाला है।
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क्या है मामला
बता दें कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं।
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