अनाधिकृत तरीके से हलाल प्रमाण पत्र दिए जाने के मामले में एसटीएफ ने मौलाना महमूद असद हुसैन मदनी से कई घंटे तक पूछताछ की। जमीयत उलेमा हिंद के सदर और हलाल काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष असद हुसैन मदनी से एसटीएफ ने कई सवाल पूछे। पूछताछ में असद हुसैन मदनी कई सवालों का जवाब नहीं दे पाए।
गत 17 नवम्बर 2023 को लखनऊ के थाना हजरतगंज में शिकायतकर्ता शैलेंद्र शर्मा ने हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी। उसके बाद इस मामले की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित कर दी गई थी। विभिन्न नामों की कम्पनियां बनाकर धोखाधड़ी करने वाले चार आरोपियों को एसटीएफ ने खोज निकाला। चार आरोपियों- यूसुफ, मुद्दसिर, ताहिर जाकिर हुसैन एवं मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। चारों आरोपी मुंबई के निवासी हैं। इन लोगों के कब्जे से 4 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 3 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, 21,820 रूपये नगद, 3 ड्राइविंग लाइसेंस एवं 2 मतदाता पहचान पत्र बरामद किए गए।
हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इण्डिया मुम्बई आदि ने विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढ़ाने के उद्देश्य से हलाल का एक नया जाल तैयार किया था। इन कंपनियों द्वारा अवैध तरीके से हलाल प्रमाण पत्र विभिन्न उत्पाद के लिए निर्गत किये गए थे। एसटीएफ को जब विवेचना मिली तब हबीब यूसुफ पटेल, मौलाना मुदस्सिर, मोहमद ताहिर एवं मोहम्मद अनवर खान को बयान देने के लिए एसटीएफ कार्यालय लखनऊ बुलाया गया। बयान दर्ज करने के बाद यह तथ्य सामने आया कि कई कंपनियों को हलाल सम्बन्धी प्रमाण पत्र जारी किये गये थे। अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थों पर भी प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा इसके लिए प्रति वर्ष सर्टिफिकेट व प्रति प्रोडक्ट अलग-अलग कम्पनी से अलग- अलग रुपये वसूले गए थे।
एसटीएफ की विवेचना में यह भी यह भी ज्ञात हुआ कि लगभग 10 हजार रुपये एक हलाल प्रमाण पत्र के लिए वसूला गया था। भारतीय गुणवत्ता परिषद व अन्य किसी सरकारी विभाग द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए इन लोगों को अधिकृत नहीं किया गया है। हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई ने विभिन्न कंपनियों को देश व विदेश में उत्पाद को बेचने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया था जबकि इस कार्य के लिए ये लोग अधिकृत नहीं हैं। इन लोगों ने अवैध ढंग से यह कार्य किया था।
एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा जारी हलाल प्रमाण पत्र लेने वाले कंपनियों के मालिक एवं कर्मचारियों से भी पूछताछ की। हलाल प्रमाण पत्र लेने वाले लोगों ने एसटीएफ को बताया कि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई ने रुपये लेकर हलाल प्रमाण पत्र थमा दिया था। उन लोगों के ओर से कोई जांच नहीं की गई थी। वो लोग उत्पाद की गुणवत्ता परखने के लिए नहीं आये थे। हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वालों ने उत्पाद का लैब में जांच भी नहीं कराई थी। एसटीएफ के विवेचक तेज बहादुर सिंह ने बताया कि “विवेचना में यह स्पष्ट हो गया कि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई ने केवल धन उगाही के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया था। इस प्रमाण पत्र को जारी करने के लिए उत्पाद की कोई जांच आदि भी नहीं कराई गई थी। मात्र हलाल का ‘लोगो’ देकर धन उगाही की जा रही थी। कंपनियों पर वित्तीय बोझ डाला जा रहा था। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा था.” एसटीएफ को यह भी ज्ञात हुआ कि हलाल रैकेट के द्वारा रेस्टोरेन्ट को भी हलाल प्रमाण पत्र दिया गया है। इन लोगों का रेस्टोरेन्ट में दिए जाने वाले भोजन आदि में कोई हस्तक्षेप नहीं है। रेस्टोरेंट में भोजन बनाने के तरीके में भी इन लोगों का नियंत्रण नहीं है। ऐसे में यह साफ़ है कि मनमाने ढंग से मात्र धन उगाही के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा था।
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