भारत पहले एक विकसित जीवन जीता था। हमने चुनौतियों का सामना करते हुए कई प्रयोगों और निष्कर्षों के माध्यम से जीवन जीने का सही तरीका जान लिया था, लेकिन आक्रमण काल में विश्व भारत से आगे निकल गया और गुलामी के कारण हमारा विकास अवरुद्ध हो गया।
गत दिनों लातूर (महाराष्ट्र) में विवेकानंद कैंसर एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (विस्तारित) का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने किया। उन्होंने कहा कि भारत पहले एक विकसित जीवन जीता था। हमने चुनौतियों का सामना करते हुए कई प्रयोगों और निष्कर्षों के माध्यम से जीवन जीने का सही तरीका जान लिया था, लेकिन आक्रमण काल में विश्व भारत से आगे निकल गया और गुलामी के कारण हमारा विकास अवरुद्ध हो गया।
इसलिए यदि भारत को अपना गौरव पुन: प्राप्त करना है, तो स्वास्थ्य में भी सुधार करना होगा और यदि भारत को स्वस्थ रहना है, तो लोक सहभाग आवश्यक है। टाटा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजेंद्र बडवे ने कहा कि अब ‘वेस्ट इज बेस्ट’ का समय नहीं है, हम भी उनकी तरह सामर्थ्यशाली हो गए हैं, लेकिन हमें और अधिक सुविधाएं जुटाने की जरूरत है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि दुनिया सोचती है कि स्वास्थ्य का मॉडल ‘वाणिज्य’ है, लेकिन भारत का स्वास्थ्य मॉडल ‘सेवा’ है। अगर हम अपनी सांस्कृतिक विरासत का उपयोग व्यवहार में लाएं तो हम कई बीमारियों और चुनौतियों को कम कर सकते हैं।
बता दें कि 2015 में विवेकानंद कैंसर हॉस्पिटल का तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन किया था। 2018 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगतप्रकाश नड्डा की उपस्थिति में केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त वित्तीय भागीदारी से अस्पताल को कैंसर के मरीजों की देखरेख के लिए विकसित करने का निर्णय हुआ था। अब इस अस्पताल में कैंसर की चिकित्सा के सभी साधन उपलब्ध हैं।
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