नई दिल्ली । टीएमसी नेता ‘शेख’ शाहजहाँ के और उसके भाई TMC युवा नेता शेख सिराजुद्दीन द्वारा किए गए आतंक के खिलाफ पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के पास झुपखाली गाँव (उत्तर 24 परगना बशीरहाट उपखंड के संदेशखाली ब्लॉक नंबर 2 के पंचायत नंबर 2 बरमज़ुर) की महिलाओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया।
महिलाओं ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा एवं कर अपने ऊपर हुए अत्याचार के बदले न्याय की गुहार लगाई। महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान टीएमसी के ताकतवर नेता सिराजुद्दीन और उसके गुंडों पर जमीन, तालाब और घर हड़पने जैसे गंभीर आरोप लगाए। पीड़ित महिलाओं ने शेख शाहजहाँ की तरह उसके भाई शेख सिराजुद्दीन पर भी गंभीर आरोप लगाए।
पीड़िताओं ने कैमरे के सामने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि बंगाल पुलिस ने तो उनकी शिकायत तक दर्ज करने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा- पुलिस ने उनकी मदद करना तो दूर, उनके जीवन और संपत्ति की रक्षा करना भी छोड़ दिया। महिलाओं के अनुसार कथित तौर पर उन्हें को चुप कराने और उनके विरोध को दबाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस अब पूरी ताकत से उतर आई है।
महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान के कई वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। जिसमे पीड़ित महिलाएं बता रहीं हैं कि “हमसे हमारी कृषि भूमि छीन ली गई है। उन्होंने आग भी लगा दी और धमकी देते हुए कहा कि हमें अपने कृत्य की कीमत चुकानी पड़ेगी और वे अपने गिरोह के साथ आ रहे हैं”।
महिलाओं ने आगे कहा कि “हमने सर (पुलिस) को यह दिखाने के लिए बुलाया कि कैसे हमें हमारे घरों से निकाल दिया गया और खेतों में खड़ा कर दिया गया। हम अपने घरों के दरवाजे भी बंद नहीं कर सके और खेतों की ओर भाग गये।
एक अन्य पीड़ित महिला ने बताया कि शेख शाहजहां के भाई सिराज और गोफर इन सब में शामिल हैं। उन्होंने मेरी दुकान छीन ली है।
जब उनसे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात की गई तो महिलाओं ने कहा “हम पुलिस को क्या बताएंगे? वे गरीबों और बंगाल के लोगों के लिए नहीं हैं”। पुलिस ने हमें “भाईजान” से बातचीत करने के लिए वापस भेज दिया…और क्या ममता दीदी को दिखाई नहीं देता कि बंगाल में क्या हो रहा है? क्या वह अंधी हो गयी है? वह 1000 रुपये के बदले हमारी इज्जत तोल रही है। वह ठंडे कमरे में बैठकर हमारी इज्जत तोल रही है। वह एक इंसान है? हमें लक्ष्मीर भंडार नहीं चाहिए। हम अपनी गरिमा के साथ जीना चाहते हैं। हम रात को (बिना किसी डर के) सो भी नहीं पाते। हमें बाहर ही रहना होगा। वे स्कूल जाने पर लड़कियों को भी नहीं बख्शते। मेरे पति विशेष रूप से विकलांग हैं। उन्होंने उसे पीटा और उसका हाथ तोड़ दिया। अब हमें ऑपरेशन का विकल्प चुनना होगा।
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