कांग्रेस जहां भी सत्ता में होती है वहां तुष्टिकरण करती है। ऐसे ही एक कार्य को एक बार फिर से किया गया है। दरअसल, बुधवार को कर्नाटक की सद्धारमैया सरकार ने ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित किया है। विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं, जिसके तहत अब से प्रदेश के सनानत धर्म का प्रतिनिधित्व कर रहे मंदिरों पर 10% अतिरिक्त टैक्स लगा दिया है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार को ‘हिन्दू विरोधी’ करार दिया है।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार हिन्दू विरोधी नीतियां अपनाकर अपना खाली हो चुका खजाना भरने में लगी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “कांग्रेस सरकार जो प्रदेश में लगातार हिन्दू का अहित करने वाली नीतियों को आगे बढ़ा रही है, अब उसने हिन्दू मंदिरों पर टेढ़ी नजर डाल दी है। अपने खाली खजाने को भरने के लिए हिन्दू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है।” .
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उन्होंने दावा किया कि मंदिरों के धन का इस्तेमाल दूसरे उद्येश्यों की पूर्ति के लिए किया जाएगा। इसके तहत सरकार प्रदेश के एक करोड़ रुपए से अधिक की वार्षिक आय वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लेगी। ये गरीबी नहीं तो और क्या है। भक्त भगवान के प्रति श्रद्धा भाव से जो चढ़ावा चढ़ाते हैं उसका इस्तेमाल मंदिर के जीर्णोद्धार, भक्तों की सुविधा के लिए किया जाना चाहिए। अगर इसका इस्तेमाल किसी और उद्येश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है तो ये लोगों की दैवीय मान्यताओं के साथ धोखाधड़ी होगी।
भाजपा नेता कहते हैं, “आश्चर्य है..केवल हिन्दू मंदिरों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। दूसरे पंथ या मजहबों को क्यों नहीं।”
क्या है अधिनियम में
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने जो ‘कर्नाटक हिन्दू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित किया है, इसके तहत प्रदेश के बड़े हिन्दू मंदिरों के राजस्व पर नियंत्रण की कोशिश की गई है। इसके तहत यह विधेयक प्रदेश सरकार को सालाना 1 करोड़ रुपए से अधिक आय वाले मंदिरों पर 10 % टैक्स लगाने का अधिकार देता है। इसके अलावा 10 लाख से 1 करोड़ रुपए के सालाना राजस्व वाले मंदिरों पर भी 5 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा।
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