तीन तलाक पीड़ित एक और मुस्लिम युवती ने इस्लाम त्यागकर सनातन धर्म अपना लिया है। बिहार की नसीमा खातून ने बरेली निवासी मनोज शर्मा के साथ सात फेरे लिए। विवाह के बात मीनाक्षी ने बताया कि आखिर उन्होंने हिंदू धर्म क्यों अपनाया। मीनाक्षी ने कहा कि उन्हें तीन तलाक दिया गया था। उन्होंने हालात से समझौता किया लेकिन बात इतने पर ही नहीं रुकी। उनके ऊपर हलाला का दबाव बनाया गया। नसीमा से मीनाक्षी बनी युवती ने कहा कि मुगल आक्रांताओं के कारण पूर्वज इस्लाम के अनुयायी बन गए थे। मेरा विश्वास और आस्था सनातन धर्म में ही रही। इसलिए अब मैंने सनातन धर्म अपनाकर घर वापसी की है।
नसीमा खातून पुत्र इदरीश निवासी बिहार में पूर्णिया जिले के मिलीक रंगपुरा उत्तर, मीरगंज धमदाहा की रहने वाली है। घरवालों ने उसकी इच्छा के खिलाफ उसका निकाह मुस्लिम युवक से करा दिया था। निकाह के बाद ससुराल में उसे एक दिन भी सुख नहीं मिला और अत्याचार का विरोध करने पर शौहर ने उसको तीन तलाक दे दिया था। सोशल मीडिया पर नसीमा खातून का संपर्क बरेली में थाना क्योलडिया क्षेत्र के गांव साहबगंज करुआ, दलेलनगर निवासी मनोज शर्मा से संपर्क हुआ था। नसीमा ने अपने शैक्षणिक अभिलेख पेश करते हुए कहा कि शुरू से उसको सनातन धर्म में आस्था रही है। अभी उसकी उम्र 22 बरस है और अपना अच्छा-बुरा सोचने में समर्थ है। उसने बगैर किसी दबाव और लालच के हिन्दू धर्म अपनाकर घर वापसी कर ली है।
नसीमा खातून से मीनाक्षा बनी युवती ने बरेली के एक आश्रम में हिन्दू रीति रिवाज से दोस्त मनोज शर्मा के साथ सात फेरे ले लिए हैं। नसीमा से मीनाक्षा शर्मा बनी युवती ने एसएसपी बरेली को पत्र भेजकर कहा कि हिन्दू धर्म में वापसी और शादी से उसके घरवाले खुश नहीं हैं और वे लोग मेरी व ससुरालियों की जान के दुश्मन बन गए हैं। ऑनर किलिंग की आशंका जताते हुए उसने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि कुछ ही महीने के अंदर बरेली में दर्जनों मुस्लिम युवतियां तीन तलाक और हलाला जैसी बुराइयों की वजह से इस्लाम से नाता तोड़कर सनातन धर्म अपना चुकी हैं और यह सिलसिला लगातार जारी नजर आ रहा है।
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