अमेरिका में इस बार राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतरीं 52 साल की निक्की हेली न सिर्फ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं बल्कि वे ट्रंप के कई चुनावी वायदों को भी देश के लिए खतरा बता रही हैं। जैसे, नाटो गठंबधन को लेकर वे पूर्व राष्ट्रपति की नीतियों और बयानों को भी देश के हित में नहीं बता रही हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति पद पर चुनी गई तो भारत सहित अन्य अनेक देशों के साथ रिश्ते और सुदृढ़ करने में जुटेंगी। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर निक्की के सामने एकमात्र चुनौती ट्रंप ही हैं।
अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की बड़ी नेता निक्की हेली भारतीय मूल की हैं। उन्होंने एक भाषण में कहा है कि अगर वह पद पर आईं तो उनकी सरकार नाटो ही नहीं, भारत, आस्ट्रेलिया, फिलिपींस, दक्षिण कोरिया व अन्य देशों के साथ रिश्तों को और मजबूती देंगी।
नाटो के बारे में पिछले दिनों ट्रंप का वह बयान काफी विवादित हुआ था कि यदि वे राष्ट्रपति बने तो अपना रक्षा मद का भुगतान न करने वाले नाटो के सदस्य देशों पर रूस के हमला करने की सूरत में उस देश की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे। इस बयान पर निक्की ने ही नहीं, अनेक नेताओं ने हैरानी जताई थी।
निक्की संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका की राजदूत रह चुकी हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि ट्रंप का राष्ट्रपति बनना 75 साल पुराने नाटो गठबंधन के लिए एक बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है। उल्लेखनीय है कि निक्की हेली को रिपब्लिकन पार्टी की इस पद की उम्मीदवारी के लिए पहले पार्टी के अंदर ट्रंप से ज्यादा वोट पाने होंगे।
नाटो के बारे में पिछले दिनों ट्रंप का वह बयान काफी विवादित हुआ था कि यदि वे राष्ट्रपति बने तो अपना रक्षा मद का भुगतान न करने वाले नाटो के सदस्य देशों पर रूस के हमला करने की सूरत में उस देश की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे। इस बयान पर निक्की ने ही नहीं, अनेक नेताओं ने हैरानी जताई थी। हेली ने चीनी टिकटाक एप के बारे में भी कहा है कि अगर भारत तथा नेपाल सरीखे देश अपने यहां टिकटॉक पर पाबंदी लगा सकते हैं तो फिर अमेरिका भी ऐसी पाबंदी क्यों नहीं लगा सकता।
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