पाकिस्तान की मदद से बंदूक के दम पर अफगानिस्तान की कुर्सी पर बैठे कट्टर मजहबी तालिबान ने कभी उसके मददगार रहे पाकिस्तान को फिर से उसी तरह बांट देने की धमकी दी है जैसे 1971 में हुआ था।
अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान के एक मंत्री ने यह धमकी पाकिस्तान से अफगानी शरणार्थियों को बाहर किए जाने की कार्रवाई पर गुस्सा दिखाते हुए दी। यह तालिबानी मंत्री है विदेश उपमंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनिकजई; उसने कहा है कि तालिबान पाकिस्तान को वैसे ही बांट देगा जैसे यह 1971 में बंटा था। आखिर स्टेनिकजई ने ऐसा क्यों कहा?
पाकिस्तान और तालिबान की फौज के बीच गत कुछ समय से डूरंड लाइन सीमा पर हिंसक मुठभेड़ चल रही हैं जिसमें पाकिस्तान के सैनिक बड़ी संख्या में हताहत हुए हैं। अफगानिस्तान की सत्ता में चढ़ बैठे तालिबानी डूरंड लाइन को फर्जी मानते हैं और उसका कोई मोल नहीं मानते। वे इसे दोनों देशों के बीच सीमा मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इस लाइन के उस तरफ भी अफगानिस्तान का इलाका है।
तालिबान सरकार पाकिस्तान से अफगानी शरणार्थियों को बाहर करने की कार्रवाई के विरुद्ध आाज उठाती रही है। लेकिन पाकिस्तान अपनी इस कार्रवाई को जारी रखे हुए है। कई लाख अफगान शरणार्थी अफगानिस्तान में खाने के लाले और तालिबान सत्ता के डर से पाकिस्तान में रहने लगे थे। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान ने बिना कागज के अपने यहां रह रहे अफगानियों को कहा हुआ है कि या तो वे खुद बाहर चले जाएं नहीं तो जेल और मोटा जुर्माना भरने को तैयार रहें।
पाकिस्तान के इस अभियान पर बिफरते हुए स्टेनिकजई ने पड़ोसी पाकिस्तान के दो टुकड़े कर देने की धमकी दी है। तालिबानी विदेश उपमंत्री शेर मोहम्मद ने एक बार फिर साफ कहा कि वे नकली डूरंड लाइन को नहीं मानते, हम इस लाइन के उस पार मौजूद अफगानिस्तान के इलाकों को अपने साथ मिला लेंगे। स्टेनिकजई ने खुली धमकी दी है कि पड़ोसी देश में तारीख दोहराई जाएगी और उसे फिर से दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
इसी तालिबानी मंत्री शेर मोहम्मद ने पाकिस्तान में रह रहे पख्तूनों में आपसी एकता पर बल देते हुए उसे उनकी आजादी के लिए एक आवश्यक पहलू बताया। इसी मंत्री का कहना है कि डूरंड लाइन अफगानिस्तान को दो हिस्सों में बांटती है इसलिए हम इसे नहीं मानते, हम अफगानिस्तान को एक करके रहेंगे।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,600 किमी. से ज्यादा लंबी सीमा है। इसी में अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के बीच 1,100 किमी. से ज्यादा लंबी सीमा है। इसी अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर पहले भी पाकिस्तान और तालिबान में चर्चाएं चली थीं। पाकिस्तान का कहना था कि तालिबान इसे ही अंतरराष्ट्रीय सीमा माने। लेकिन तब भी तालिबान की सरकार ने इसे माना नहीं था और यह विषय लटका रहा था।
स्टेनिकजई का मानना है कि डूरंड लाइन तो अफगानियों के दिलों पर डाली गई फर्जी लाइन है। यह तालिबानी मंत्री लोगर इलाके में एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहता है कि पाकिस्तान ने अफगानियों पर अत्याचार किया है, उन्हें जबरदस्ती पाकिस्तान से निकला है।
इस मंत्री के अनुसार जिस जमीन पर पख्तून रह रहे हैं वह जमीन पख्तूनों की है, पाकिस्तान की नहीं। उनके साथ पाकिस्तान का ऐसा दमनकारी बर्ताव सहा नहीं जाएगा। स्टेनिकजई ने कहा कि इन पख्तूनों को डूरंड लाइन से बांटा नहीं जा सकता, अलबत्ता पाकिस्तान को बंटना होगा।
मीडिया में आए समाचार बताते हैं कि तालिबान का भी मानना है कि पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादियों को पनाह दिए हुए है। वहां से वह भारत ही नहीं, बहुत से दूसरे देशों में भी आतंकवादी भेजता है। तालिबान तो यहां तक कहते हैं कि हाल में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में भी आतंकवादी भेजकर सरहद पर गोलीबारी कराई थी।
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,600 किमी. से ज्यादा लंबी सीमा है। इसी में अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के बीच 1,100 किमी. से ज्यादा लंबी सीमा है। इसी अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर पहले भी पाकिस्तान और तालिबान में चर्चाएं चली थीं। पाकिस्तान का कहना था कि तालिबान इसे ही अंतरराष्ट्रीय सीमा माने। लेकिन तब भी तालिबान की सरकार ने इसे माना नहीं था और यह विषय लटका रहा था।
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