उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा के बाद प्रशासन ने लगाए गए कर्फ्यू को हटा लिया है। हालांकि, हालात की संवेदनशीलता को देखते हुए इलाके में धारा 144 अनवरत रूप से जारी रहेगी।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। चारों तरफ से घेरकर पुलिसवालों और नगर निगम के कर्मियों पर पत्थर बरसाए गए, पेट्रोल बम फेंके गए और जब जान बचाने के लिए पुलिस की टीम एक घर के अंदर घुस गई तो दंगाइयों ने उन्हें जिंदा जलाने की कोशिशें की। इस दंगे में 200 से अधिक पुलिसकर्मी-निगम कर्मी और प्रशासनिक अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए।
इस दंगे में 6 दंगाइयों की भी मौत हो गई। इसके बाद माहौल की गंभीरता को देखते हुए 9 फरवरी को इलाके में धारा 144 के साथ ही इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए। हालात बेकाबू होने पर सीआरपीएफ, रैपिड एक्शन फोर्स के साथ साथ उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा से पुलिस फोर्स हल्द्वानी भेजी गई, जिसके पहुंचते ही प्रशासनिक अधिकारियो ने एक बार फिर से मोर्चा संभाला और दंगा करने वाली भीड़ को खदेड़ा, इसी दौरान दंगाइयों की भीड़ ने एक बार फिर पेट्रोल बमों से पुलिस पर हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने कई राउंड फायरिंग की और घरों से बलवा करने वालों को खींच खींच कर निकाला।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा था कि किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा। उनके सख्त रुख के बाद प्रशासन ने दंगाइयों की कमर तोड़नी शुरू कर दी। इस हिंसा में चोटिल हुए पत्रकार मुकेश ने पाञ्चजन्य से बात करते हुए बताया कि जिस दिन अतिक्रमण हटाया जा रहा था तो उस दौरान वो वहीं पर थे। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने का विरोध सबसे पहले महिलाओं ने शुरू किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बदतीमीजी की। इन महिलाओं ने ढाल के तौर पर बच्चों का इस्तेमाल किया।
देखते-देखते ही करीब 1500-1600 दंगाइयों की भीड़ इकट्ठी हो गई। सबसे आगे महिलाएं और बच्चे थे और उनके पीछे मुस्लिम नौजवान और बुजुर्ग थे। ऐसा लग रहा था कि ये सबकुछ फुल प्लानिंग के साथ हो रहा था। बहरहाल अब तक इस मामले में पुलिस कई आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कईयों की तलाश के लिए पोस्टर प्रशासन ने लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि इस हिंसा का मुख्य मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक है।
टिप्पणियाँ