गत फरवरी को जयपुर के धान्क्या में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन-दर्शन की प्रासंगिकता’ विषय पर एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।
दीनदयाल जी की 56वीं पुण्यतिथि पर आयोजित इस व्याख्यानमाला में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि स्वदेशी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। आज हम विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। हमारा निर्यात 600 अरब डॉलर से भी अधिक है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि दीनदयाल जी ने व्यष्टि से समष्टि तक का चिंतन दिया। यह भारत का प्राचीन विचार है, विरासत है, जो आज भी युगानुकूल है। उनके जीवन के बारे में पढ़ने से हमें समझ आता है कि परिवर्तन केवल सत्ता के बल पर नहीं, बल्कि समाज के बल पर होता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अंत्योदय देश के लिए महत्वपूर्ण है। भैरों सिंह जी ने मुख्यमंत्री रहते इसे सर्वप्रथम राजस्थान में शुरू किया। जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इसे देशभर में लागू किया। अब प्रधानमंत्री मोदी इसे आगे बढ़ा रहे हैं।
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