करीब साढे चार महीने से इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है। इस बीच एक बात उठती रहती है कि इस विवाद का एक मात्र हल है ‘दो राज्य समाधान’। एक स्वायत्त फिलिस्तीन। अमेरिका ने भी कई बार ऐसी ही बात कही है। लेकिन, अब एक बार फिर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत की है। बाइडेन से चर्चा के बाद नेतन्याहू ने देर रात एक बयान जारी कर कहा है कि इजरायल पर फिलिस्तीनी स्टेट को स्वीकार करने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा।
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एक ट्वीट में कहा, “हमारी स्थिति को केवल दो वाक्यों में संक्षेपित किया जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “इजरायल स्पष्ट रूप से फिलिस्तीन के साथ स्थायी समाधान के संबंध में अंतरराष्ट्रीय निर्देशों को खारिज करता है। इस तरह की व्यवस्था केवल पार्टियों के बीच बिना किसी पूर्व शर्त के सीधी बातचीत के माध्यम से ही हो सकती है।” नेतन्याहू ने ये भी कहा कि इजरायल फिलिस्तीन राज्य को एकतरफा मान्यता का विरोध करता रहेगा। 7 अक्टूबर के नरसंहार को देखते हुए अगर इस तरह की मान्यता दी जाती है तो ये हमास के आतंकियों के लिए एक उपहार की तरह होगा, जो भविष्य में किसी भी शांति समझौते में बाधा बनेगी।
https://twitter.com/netanyahu/status/1758267280146739460
इजरायली प्रधानमंत्री ने ये बातें तेल अवीव में सीआईए के डायरेक्टर से मुलाकात और फिर जो बाइडेन से बातचीत के बाद कही है।
गाजा के नासिर अस्पताल पर इजरायल की रेड
इस बीच बंधकों की तलाश में इजरायल ने गुरुवार को गाजा के खान यूनिस स्थित सबसे बड़े नासिर अस्पताल में रेड की। आईडीएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें इस बात के इंटेल मिले थे कि यहां पर हमास के आतंकी छिपे हुए हैं। इंटरनेट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वहां गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही है, घुप अंधेरे में वहां धूल और धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया। आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हमारी ने नासिर अस्पताल पर की गई छापेमारी को लेकर बताया कि यह पुख्ता सूचनाओं के आधार पर सटीक और सीमित था।
वहीं अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि नासिर अस्पताल इजरायली टैंकों की चपेट में था। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। अस्पताल के सर्जन डॉ खालिद अल-सेर ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि आईडीएफ ने लगभग एक घंटे बाद परिसर पर धावा बोल दिया और अस्पताल में आश्रय ले रहे मरीजों, चिकित्सा कर्मियों और विस्थापित नागरिकों को भागने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया।
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