भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पक्की है। जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि अभी हमें वहां पहुंचने से कुछ देश रोक रहे हैं, लेकिन यह पक्का है कि सभी बाधाओं को दूर करके हम वहां पर पहुंचेंगे। अपने आस्ट्रेलिया दौरे में जयशंकर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सुरक्षा परिषद में फिलहाल पांच स्थायी सदस्य है-अमेरिका, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और रूस। इन पांचों को वीटो पॉवर प्राप्त है। भारत पिछले कई वर्ष से, विशेष रूप से इस दिशा में प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके वहां पहुंचने देने से कुछ देश अड़चनें डाल रहे हैं। जयशंकर का इशारा संभवत: चीन की तरफ हो, लेकिन उन्होंने किसी देश का नामोल्लेख नहीं किया।
भारत के विदेश मंत्री का कहना था कि इसमें किसी को संदेह नहीं रहना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत स्थायी सीट का प्रबल दावेदार है और उसे यह सीट मिलकर रहेगी। लेकिन साथ ही वे यह कहने से नहीं हिचके कि सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट तक का रास्ता आसान नहीं रहने वाला है, कारण यह कि अनेक देश इस बात की कसमें खाए हुए हैं कि भारत को उस सीट तक नहीं पहुंचने देंगे।
जयशंकर आस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में दो दिन के हिंद महासागर सम्मेलन में भाग ले रहे थे। भारत के विदेश मंत्री ने खुलकर कहा कि वह जब दुनिया के विभिन्न देशों में जाते हैं तो भारत को लेकर एक बदलाव साफ नजर आता है। उनके अनुसार, आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत को बहुत अलग तरह से देख रहा है। दुनिया जान रही है कि आज का भारत पहले वाला भारत नहीं रहा है। आज का भारत स्वावलंबी है, जो अपने साथ ही दूसरे देशों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकायों में समय समय पर चुनाव होते हैं जिनमें भारत का प्रदर्शन लगातार दमदार रहा है। भारत का प्रदर्शन पांचों स्थायी सदस्यों से कहीं बेहतर रहा है। एक खास संकेत करते हुए जयशंकर ने कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए बहुत मायने रखते हैं। इस दौरान देश में बड़े बदलाव होंगे, ऐसे बदलाव जो विश्व में भारत की स्थिति में भी व्यापक सुधार करेंगे।
आत्मविश्वास से भरे जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिलकर ही रहेगी, इसका उन्हें सौ प्रतिशत यकीन है। यह जरूर है कि रास्ते में कुछ बाधाएं हैं और वहां तक पहुंचना आसान आसानी नहीं रहने वाला है। इसके पीछे उन्होंने दुनिया में होड़ की प्रवृत्ति बताई। लेकिन आज भारत में इतनी सामर्थ्य है कि वह अपना रास्ता बना लेगा।
जैसा पहले बताया, भारत के वहां तक पहुंचने में सबसे बड़ी बाधा तो चीन ने खड़ी हुई है, तो भी भारत के विदेश मंत्री ने उसके नाम का उल्लेख न करके बस यहा कहा कि ऐसे लोग हैं जो भारत के रास्ते में अड़चनें डालेंगे। लेकिन आज भारत के विदेश मंत्री के नाते में काफी भरोसे से भरा हूं, जो शायद दस साल पहले नहीं था। आज उन्हें यकीन है कि वे इस उद्देश्य में कामयाब होंगे।
दुनिया भर के देश देख रहे हैं कि आज भारत पहले वाला कमजोर देश नहीं है बल्कि एक ताकतवर देश के नाते दुनिया में सिर उन्नत करके खड़ा है। विश्व में भारत की स्थिति बदल रही है। भारत पर आज सबमें विश्वास पैदा हुआ है। ऐसे अनेक देश हैं जो चाहते हैं कि भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट हासिल करे।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकाय हैं। इन निकायों में समय समय पर चुनाव होते हैं जिनमें भारत का प्रदर्शन लगातार दमदार रहा है। भारत का प्रदर्शन पांचों स्थायी सदस्यों से कहीं बेहतर रहा है। एक खास संकेत करते हुए जयशंकर ने कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए बहुत मायने रखते हैं। इस दौरान देश में बड़े बदलाव होंगे, ऐसे बदलाव जो विश्व में भारत की स्थिति में भी व्यापक सुधार करेंगे। बड़े से बड़े अर्थविद् को इसमें संदेह नहीं है कि जल्दी ही भारत विश्व की एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और पहले तीन में दर्ज होगा। इस स्थिति से भारत को लेकर दुनिया पर गजब का असर देखने में आएगा।
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