Haldwani Violence : 26 वर्ष पहले भी हिंसा की आग में जला था बनभूलपुरा, घायल हुए थे पुलिसकर्मी, फूंक दिए गए थे कई वाहन
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

Haldwani Violence : 26 वर्ष पहले भी हिंसा की आग में जला था बनभूलपुरा, घायल हुए थे पुलिसकर्मी, फूंक दिए गए थे कई वाहन

पहले भी हत्या और NSA में जेल जा चुका है हाजी अब्दुल मलिक, कट्टरपंथियों जमकर मचाया था उत्पात, देखिए हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड का अपराधिक इतिहास का रिकॉर्ड

by SHIVAM DIXIT
Feb 12, 2024, 05:06 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हल्द्वानी । बनभूलपुरा क्षेत्र में कट्टरपंथी दंगाइयों का उपद्रव कोई अप्रत्याशित घटना नहीं थी। इसके लिए दंगाइयों ने बहुत पहले से तैयारी की हुई थी, जब से यहां की ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, नई बस्ती में रेलवे, वन विभाग और राजस्व की जमीनों पर अतिक्रमण किए जाने का मामला सुर्खियो में आया है तब से ये आशंका जाहिर की जा रही थी कि एक न एक दिन ऐसा होगा।

ऐसा हुआ भी, जिस दिन प्रशासन और नगर निगम की टीम बनभूलपुरा क्षेत्र में सरकारी जमीन पर बने कथित मदरसे को हटाने पहुंची और उसके विरोध के नाम पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जो उत्पात मचाया वह पूरे देश ने देखा। इस्लामिक दंगाइयों ने इस हमले की तैयारी पहले से ही कर रखी थी उन्होंने प्रशासन, नगर निगम और पत्रकारों को चारों तरफ से घेरकर हमला किया जिसके बाद कईयों की हालत गंभीर हो गई।

इस घटना का मास्टरमाइंड हाजी अब्दुल मालिक अभी तक फरार है पुलिस लगातार उसकी तलाश में दबिशें दे रही हैं. अब्दुल मालिक का अपराधों से पुराना नाता है. इससे पहले अब्दुल मलिक पूर्व में भी मर्डर और NSA में जेल जा चुका है। उस समय गिरफ्तारी के वक़्त भी इस्लामिक भीड़ ने खूब बवाल कटा था. कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस पर पथराव भी किया गया था। जिसमे कई पुलिस वाले घायल हुए थे। लेकिन अब 26 साल बाद फिर वही अराजकता पूरी तैयारी की साथ पहले से ज्यादा आक्रमक होकर दोहराई गई है।

बता दें सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी के छोटे भाई रुऊफ सिद्दीकी राजनीति में बड़ी तेजी के साथ उभर रहा था। जुझारू और मिलनसार स्वभाव की वजह से रुऊफ सिद्दीकी ने कम समय में ही अपनी पहचान बना ली थी। उस समय उसके पास समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष का पद था. लेकिन रुऊफ सिद्दीकी की बढ़ती लोकप्रियता ही उसकी दुश्मन बन गई जिसके चलते वह प्रतिद्वंदियों को खटकने लगा था।

लखनऊ जाते वक्त रुऊफ का मर्डर

वर्ष 1998 में 19 मार्च को अब्दुल रुऊफ सिद्दीकी अपने साथी चन्द्र मोहन सिंह और त्रिलोक बनौली के साथ कार से लखनऊ जा रहा था। रास्ते में बरेली के भोजीपुरा थाना क्षेत्र में किसी बड़े वाहन ने उसकी गाड़ी को टक्कर मार दी, टक्कर लगने से कार पलट गई और भाड़े के शूटर्स ने रुऊफ पर निशाना साधते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। जिसमें रुऊफ सिद्दीकी की तो मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि चन्द्रमोहन सिंह और त्रिलोक बनौली घायल हो गए थे।

रुऊफ सिद्दीकी हत्याकांड में नामजद आरोपी था अब्दुल मलिक

रुऊफ सिद्दीकी हत्याकांड की रिपोर्ट भोजीपुरा थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसमें अब्दुल मलिक समेत सात लोगों को नामजद कराया गया था। घटना के विरोध स्वरूप हल्द्वानी में कई दिनों तक बाजार बंद हुआ था। मामले में बरेली और हल्द्वानी पुलिस नामजद आरोपियों की धरपकड़ को संयुक्त रूप से दबिश दे रही थी, लेकिन सभी आरोपी भूमिगत हो गए थे।

गिरफ्तारी से बचने को करा दी सीबीसीआईडी जाँच

उस समय अपने ऊपर पुलिस का शिकंजा कसता देख अब्दुल मलिक ने सत्ता में ऊंची पहुंच के चलते मामले की जाँच पुलिस से सीबीसीआईडी को ट्रांसफर करा दी थी। सीबीसीआईडी जाँच के आदेश के बाद अब्दुल मलिक और अन्य नामजद आरोपी भी भूमिगत से बाहर आकर हल्द्वानी आ गए।

एसएसपी ने की कार्रवाई

इस घटना के समय उस वक्त नैनीताल के एसएसपी नासिर कमाल थे। घटना के कुछ दिनों बाद ही ईद थी। ईद पर नमाज के बाद ईदगाह में एसएसपी नासिर कमाल और अब्दुल मलिक का आमना सामना हो गया। नासिर कमाल को ये बहुत नागवार गुजरा और उन्होंने कार्रवाई करने की ठान ली।

एसएसपी नासिर कमाल ईदगाह से लौटते ही अब्दुल मलिक को गिरफ्तार करने की रणनीति में जुट गए। रुऊफ मर्डर केस सीबीआईडी के पास जाने से उसमे गिरफ्तारी नहीं हो सकती थी। तब दूसरा रास्ता अपनाया गया और एक पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट ले लिए गए। गिरफ्तारी की जिम्मेदारी सौपी गई बनभूलपुरा चौकी इंचार्ज योगेश दीक्षित को। लम्बी चौड़ी पर्सनालिटी वाले योगेश दीक्षित बेहद कर्मठ और ईमानदार पुलिस अफसर थे।

फिल्मी अंदाज में हुई मलिक की गिरफ्तारी

ईद के अगले दिन शाम को बनभूलपुरा चौकी इंचार्ज दलबल समेत अब्दुल मलिक के घर पहुंच गए। सीबीसीआईडी जाँच के आदेश के बाद अब्दुल मलिक बेफिक्र थे और लाइन नंबर आठ आजादनगर में अपने घर पर ही थे। योगेश दीक्षित ने गिरफ्तारी वारंट दिखाया तो वह अवाक रह गए। इसके बाद योगेश दीक्षित अब्दुल मलिक को लेकर खुद ही जिप्सी से चल दिए।

मुस्लिम समर्थकों ने जमकर मचाया उपद्रव

वहीं जैसे ही मलिक के घर पुलिस पहुंचने की जानकारी मलिक के समुदाय के लोगों को हुई सब इकठ्ठा होना शुरू हो गए और गिरफ्तारी का विरोध जताते हुए लाइन नंबर आठ के ज्यादातर लोग सड़क पर आ गए।

फिर क्या था देखते ही देखते पुलिस के विरोध में नारेबाजी होने लगी और ये नारेबाजी जैसे ही मजहबी नारों में बड़ी उसके बाद तो पुलिस टीम पर पथराव होना शुरू हो गया. पुलिस टीम भाग ना पाए इसलिए सड़कों पर ठेले, दुकानों की बेंच, लकड़ी के मोटे मोटे गट्टे इत्यादि डाल कार अवरोध पैदा कर दिया गया। लेकिन चुँकि इंचार्ज दीक्षित इन सबसे जूझते हुए मलिक को लेकर कोतवाली पहुंच गए। हालांकि इस दौरान उनकी जिप्सी बुरी तरह डैमेज हुई थी, उसमें पत्थर भर गए थे।

कई वाहनों में लगा दी गई आग

इधर अब्दुल मलिक के समर्थकों ने घंटों बवाल किया, सड़कों पर आ-आ कर खुलेआम पत्थरबाजी की कई वाहनों को आग लगा दी गई और सार्वजानिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया। कट्टरपंथियों के इस उपद्रव में  तत्कालीन एसपी सिटी पुष्कर सैलाल समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर चोटिल हुए और कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे।

गवर्नर के साथ पहुंचा था लखनऊ

अब्दुल मलिक की सत्ता में ऊपर तक का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उस समय हरियाणा के सूरजभान को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बनाया गया था। लेकिन जब वह राज्यपाल बन्ने के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश पहुंचे तो उनके साथ सरकारी हैलीकॉप्टर में अब्दुल मलिक भी मौजूद था।

अमौसी हवाई अड्डे पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी ने नए राज्यपाल कि अगवानी की थी। इसी दौरान राज्यपाल के साथ अब्दुल मलिक की तस्वीरें भी अखबारों में छप गईं थीं। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ हत्यारोपी कि तस्वीर को अख़बार में देखकर शासन प्रशासन में हड़कंप मंच गया। जिसके बाद शासन ने तत्काल इसका संज्ञान लेते हुए सीबीसीआईडी जाँच का आदेश निरस्त कर दिया था।

देखिए अब्दुल मलिक का अपराधिक इतिहास

Topics: Haldwani riotउत्तराखंडहलद्वानी दंगाUttarakhandरुऊफ सिद्दीकी हत्याकांडHaldwani violenceअब्दुल मलिक का अपराधिक इतिहासबनभूलपुरा में दंगाRauf Siddiqui murderहलद्वानी हिंसाcriminal history of Abdul Malikहलद्वानी समाचारriot in Banbhulpuraहलद्वानी संघर्ष अपडेटहलद्वानी हिंसा प्राथमिकीHaldwani violence FIRHaldwani Sangharsh updateHaldwani News
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

CM Dham green signal to the first batch of Kailas mansarovar pulgrims

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर से किया रवाना

Uttarakhand Bipin chandra rawat

देहरादून: सैन्य धाम के निर्माण कार्य का अंतिम चरण, मंत्री गणेश जोशी ने की प्रगति समीक्षा

Nainital High court lift stays from election ban

नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे, नजूल और वन भूमि खुर्दबुर्द मामले में सुनवाई की, अगली तारीख 14 जुलाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies