कांग्रेस के बड़बेाले और अक्सर अपने कहे पर आड़े हाथों लिए जाने वाले नेता मणि शंकर अय्यर को फिर पाकिस्तान से मोहब्बत का भूत चढ़ा है। उन्हें पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत है कि वह वहां जाकर उसकी तारीफें और भारत तथा हमारे प्रधानमंत्री के लिए उलटी—सीधी हांकने से बाज नहीं आते। अभी लाहौर गए अय्यर ने एक बार फिर वही किया जो उन्होंने अपनी पिछली पाकिस्तान यात्रा में किया था यानी भारत की सरकार को बुरा—भला कहा तो पाकिस्तान के लोगों को ‘प्रेम दीवाने’।
अक्सर अपने तथ्यहीन बयानों से विवाद में रहने वाले मणिशंकर अय्यर की ताजा बयानबाजी भी स्वाभाविक रूप से भारत के लोगों को रास नहीं आई है। अय्यर पहले अनेक बाद विवादित टिप्पणियांं दे चुके हैं और अपनी और अपनी पार्टी की छीछालेदर करवा चुके हैं।
हुआ यूं है कि पाकिस्तान के प्रति एकतरफा प्यार दिखाने वाले राहुल गांधी के करीबी और चहीते कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर लाहौर में थे। वहां एक कार्यक्रम में डिप्लोमेसी की अपनी ‘गहरी समझ’ दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी तो भारत की सबसे बड़ी दौलत हैं, लेकिन भारत पाकिस्तान से बात न करके गलत कर रहा है।
मणि शंकर लाहौर में 9 से 11 फरवरी तक चले ‘फैज फेस्टिवल’ में भाग ले रहे थे। उसकी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तानियों के दिलों में तो ‘मोहब्बत’ भरी हुई है। इस कार्यक्रम में एक सत्र ‘हिज्र की राख, विसाल के फूल, भारत—पाक मामले’ नामक सत्र में मणि का यह भी कहना था कि पाकिस्तान ही ऐसा देश है जहां उनका दिल खोलकर और बाहें फैलाकर स्वागत किया जाता है।
इस कार्यक्रम की रिपोर्ट पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक द डॉन ने छापी है। इस रिपोर्ट में अखबार ने मणिशंकर को उद्धृत किया है। मणि शंकर ने पाकिस्तान से ‘मोहब्बत’ की बाबत अपने ‘अनुभव’ सुनाए कि ‘पाकिस्तान के लोग प्यार देने पर और ज्यादा प्यार देते हैं तो दुश्मनी करने पर एक कदम आगे बढ़कर दुश्मनी करते हैं।’ यानी मणि के शब्दों में पड़ोसी इस्लामी देश के लोग दूसरों को लेकर ‘ओवररिएक्ट’ करने के लिए जाने जाते हैं।
लाहौर के इस कार्यक्रम में राहुल के चहीते बड़बोले कांग्रेसी नेता मणि शंकर ने कहा कि उन्हें वह दौर याद है जब वह वहां राजनयिक के तौर पर तैनात थे। वे कराची में कॉन्सुल जनरल हुआ करते थे। अपनी किताब ‘मेमॉइर्स ऑफ मैवरिक’ का हवाला देते हुए उन्होंने आगे कहा कि उस किताब में उन्होंने कई ऐसे किस्से लिखे है जिनसे पता चलता है कि पाकिस्तान हिन्दुस्थानियों की सोच से बिल्कुल अलग ही देश है।
मणि शंकर ने पाकिस्तान से ‘मोहब्बत’ की बाबत अपने ‘अनुभव’ सुनाए कि ‘पाकिस्तान के लोग प्यार देने पर और ज्यादा प्यार देते हैं तो दुश्मनी करने पर एक कदम आगे बढ़कर दुश्मनी करते हैं।’ यानी मणि के शब्दों में पड़ोसी इस्लामी देश के लोग दूसरों को लेकर ‘ओवररिएक्ट’ करने के लिए जाने जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अनेक अवसरों पर ओछी भाषा का प्रयोग करते रहे मणिशंकर ने आगे कहा कि वे पाकिस्तान के लोगों से कहना चाहते हैं कि ‘नरेंद्र मोदी ने एक तिहाई से ज्यादा वोट कभी नहीं जीते, लेकिन हिन्दुस्थान का तंत्र ऐसा है कि कोई पार्टी इतने वोट पा ले तो उसकी दो-तिहाई सीटें बन जाती हैं।’ मणि शंकर के कहने का आशय था कि भारत के दो तिहाई लोग तो पाकिस्तानियों से हाथ मिलाने को तैयार हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती। लाहौर में मणि शंकर की हिन्दुस्थान के लिए जो भाषा थी वह तो पढ़े—लिखे पाकिस्तानी भी अपने मुल्क के प्रति मोहब्बत दिखाने के लिए नहीं बोलते होंगे।
कार्यक्रम में मणिशंकर का कुल जोर इस पर था कि दोनों देश में बातचीत फिर से शुरू हो, जबकि वे भारत सरकार की स्थिति जानते हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पोसता रहेगा, उससे कोई वार्ता नहीं की जाएगी। इसीलिए शाायद मोदी सरकार की हर नीति के कटु आलोचक मणिशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई वाली केन्द्र सरकार का यह फैसला गलत है कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
इससे पूर्व मणिशंकर भारत में जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में भी अपनी इसी ‘समझ’ का प्रदर्शन कर चुके हैं। गत 3 फरवरी को जयपुर के इस कार्यक्रम में उनका कहना था मोदी सरकार में हिम्मत नहीं है कि पाकिस्तान के साथ वार्ता चलाए। उन्होंने सरकार से लगभग चिढ़ते हुए कहा कि भारत सरकार सर्जिकल स्ट्राइक तो कर सकती है, लेकिन मेज पर आकर बात नहीं कर सकती। ये वही मणिशंकर हैं जो विभिन्न मंचों से भारत और यहां की सरकार के लिए बेतुकी बातें करते रहते हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के चहीते अय्यर हर जगह भारत का अपमान ही करते दिखते हैं।
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