झाबुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की छुट्टी हुई थी, अब 2024 में कांग्रेस का सफाया तय है। उन्होंने कहा कि सबसे पिछड़े और वंचितों का कल्याण, हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान झाबुआ के गोपालपुरा में आयोजित जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम के जरिए मध्य प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज किया।
झाबुआ जितना मध्यप्रदेश से जुड़ा है उतना ही गुजरात से जुड़ा है
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में आए लोगों का गुजराती में अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि झाबुआ जितना मध्यप्रदेश से जुड़ा है, उतना ही गुजरात से जुड़ा है। यहाँ रहते हुए मुझे यहाँ के जनजीवन और परम्पराओं से करीब से जुड़ने का मौका मिला था। आपके बीच आकर वही भाव ताजा हो जाता है। इन दिनों इस क्षेत्र में भगोरिया की तैयारी चल रही होगी। मैं आप सभी को भगोरिया की शुभकामनाएं देता हूं। भगोरिया से पहले मुझे यहां ढेर सारी सौगात आपके चरणों में सुपुर्द करने का सौभाग्य मिला है।
यहां आने से पहले मैने देखा कि मेरी यात्रा को लेकर चर्चाएं हो रही है। कुछ लोग कह रहे हैं, मोदी मप्र में झाबुआ से लोकसभा की लड़ाई का आगाज करेगा। मैं बताना चाहता हूं मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए नहीं आया है। मैं मप्र की जनता का आभार व्यक्त करने आया हूं। मप्र में विस चुनाव नतीजों से पहले आप बता चुके हैं कि लोकसभा के लिए आपका क्या मूड है।
प्रधानमंत्री ने अबकी बार 400 पार का नारा भी दोहराया। पीएम ने कहा कि एनडीए की 400 पार की बात मैं भी सुन रहा हूं। लेकिन अकेली भाजपा 370 पार करेगी। उन्होंने मौजूद लोगों से चुनाव की तैयारी में जुट जाने की अपील करते हुए कहा कि आपको यहां से आकर एक ही काम करना है। पिछले तीन चुनाव में आपके यहां पोलिंग बूथ में क्या रिजल्ट आया था, उसे निकालो और कितने वोट पड़े वह निकालो और कमल को किस पोलिंग बूथ पर ज्यादा वोट मिले उसे लिख लो और जहां ज्यादा वोट मिले वहां 370 वोट ज्यादा मिलने चाहिए, ऐसी तैयारी करें।
देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है वनवासी समाज
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को बीमार बनाने के पीछे कांग्रेस का गाँव, गरीब और वनवासी समाज के प्रति नफरत भरा रवैया था। कांग्रेस के लिए आदिवासी का मतलब कुछ वोट होता है। इन्हें गरीबों की याद सिर्फ चुनाव के समय याद आती थी। अटल जी की सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया। ये भाजपा की सरकार है, जिसने वन उपज पर एमएसपी में वृद्धि की। करीब 90 वन उत्पादों को एमएसपी के अंतर्गत लाया गया। हमारे लिए जनजातीय समाज वोट बैंक नहीं देश का गौरव है। देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है आदिवासी समाज।
सबसे पिछड़े और सबसे वंचित हमारी सरकार की प्राथमिकता
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने इतने वर्षों में सिर्फ 100 एकलव्य स्कूल खोले, जबकि भाजपा की सरकार ने इससे चार गुना ज्यादा स्कूल खोले हैं। एक भी आदिवासी बच्चा शिक्षा के अभाव में रह जाए यह संभव नहीं। भाजपा ने वन संपदा कानून में सुधार किया और आदिवासियों को उनके अधिकार लौटाए। इसके अलावा सिकल सेल एनीमिया के लिए हमारी सरकार ने काम किया। आज स्वामित्व योजना के माध्यम से लोगों को उनकी जमीन के कागज दिए जा रहे हैं। आज भी लाखों लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र दिए हैं। ये वो सुरक्षा पत्र है, जिससे जमीन विवाद में सुरक्षा मिलती है। जो सबसे पिछड़े और सबसे वंचित हैं वही हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
कांग्रेस को तो बस अपने महल की चिंता थी
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मध्यप्रदेश के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्स्चर विकास के लिए काम कर रही है। पिछली सरकारों के मुकाबले हम 24 गुना ज्यादा पैसा मध्यप्रदेश को दे रहे हैं। आज एक एक सेक्टर में करोड़ों रुपये भेजा जा रहा है। पहले जनजाति इलाकों तक रेल, सड़क की परियोजना पहुँचती ही नहीं थी क्योंकि कांग्रेस को तो बस अपने महल की चिंता थी।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी जनजातीय सम्मेलन में 7500 करोड़ की सड़क, रेल, बिजली और जल क्षेत्र से संबंधित 22 विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी रथ पर सवार होकर लोगों का अभिवादन करते हुए जनजातीय सम्मेलन के मंच तक पहुंचे। जनजातीय महासम्मेलन के मंच पर पहुंचने पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत व अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे हैं। लोगों ने मोदी-मोदी ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री को आदिवासी जैकेट, पीला साफा, वनवासी राम का मोमेंटो और आदिवासी तीर कमान भेंट किया गया। कार्यक्रम से पूर्व पीएम मोदी ने जनजातीय महासम्मेलन में विभिन्न विकास कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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