China: सनसनीखेज खुलासा, बंधुआ मजदूरों जैसे काम कर रहे North Korea के लोग
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

China: सनसनीखेज खुलासा, बंधुआ मजदूरों जैसे काम कर रहे North Korea के लोग

लगभग एक लाख उत्तर कोरियाई लोग दूसरे देशों में काम करने गए हुए हैं। इनमें से ज्यादातर उत्तर पूर्व चीन में कपड़े बनाने की फ़ैक्ट्रियों तथा इमारतों के निर्माण के काम में लगे हुए हैं

by WEB DESK
Feb 10, 2024, 03:29 pm IST
in विश्व
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चीन में बड़ी संख्या में काम कर रहे लोगों का ‘गुलामों जैसा शोषण’ होने के समाचार मिले हैं। चीन में उइगर मुसलमानों के दमन के समाचार तो अब दुनिया के कोने कोने तक पहुंच ही चुके हैं। लेकिन अब उत्तर कोरियाई लोगों को वहां बंधुआ मजदूरों की तरह काम में जुटाया हुआ है, यह जानकारी मीडिया के एक वर्ग में आने के बाद से चीन में मानवाधिकारों के जबरदस्त हनन की कलई खुलती जा रही है।

हालांकि इस संबंध में जानकारी गत माह आई थी, लेकिन अब पता चला है कि चीन में बंधुआ मजदूरी में लगे उत्तर कोरियाई लोगों ने मजदूरी दिए जाने पर अब मारपीट का रास्ता अपनाया है। उनका कहना है कि मजदूरी तो वे कर रहे हैं कि उनकी पगार हथियार बनाने के लिए उत्तर कोरिया की तानााशाह सरकार को पहुंचाई जा रही है। यह सुनकर चीन में काम कर रहे वे उत्तर कोरियाई मजदूर और अधिक गुस्से में हैं।

चीन सरकार का अपने यहां के उत्तर कोरियाई लोगों पर ऐसा मजबूत शिकंजा है कि उनके विरोध प्रदर्शन के समाचार बाहर नहीं आ पाते। लेकिन सूत्रों के अनुसार, वहां उत्तर कोरियाई कामगारों की बड़ी संख्या है और उनमें आक्रोश है कि काम के बदले उन्हें पगार नहीं दी जाती और उनका शोषण किया जा रहा है।

अभी यह पु​ष्ट नहीं हो पाया है कि पगार न मिलने पर उत्तर कोरिया के लोगों ने चीन में हिंसा की है कि नहीं, लेकिन इस समाचार से उन उत्तर कोरियाई लोगों की कुशलक्षेम को लेकर उनके परिजनों को चिंता होनी शुरू हो गई है। बीबीसी की खबर है कि पहले चीन में काम कर चुके उत्तर कोरियाई के एक कामगार का दावा है कि चीन में विरोध जताने वालों की मजदूरी रोक ली जाती है।

Representational Image

चीन में काम कर चुके इसी कामगार ने बीबीसी का यह भी बताया कि चीन में उत्तर कोरिया के कामगारों को ‘ग़ुलामों’ जैसा मानकार उनके साथ वैसा ही ‘शोषण’ करने की बातें झूठ नहीं हैं। सूत्रों के रास्ते छनकर आई जानकारी के अनुसार, एक पूर्व उत्तर कोरियाई नेता का कहना था कि पिछले माह 11 जनवरी को उत्तर—पूर्वी चीन में चल रहीं ऐसी अनेक कपड़ा फ़ैक्ट्रियों में उपद्रव हुए थे जहां उत्तर कोरियाई लोग काम कर रहे हैं।

इस बारे में पता चला कि उत्तर कोरिया के कामगारों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने मैनेजरों से पूछताछ की। इस पर उन्हें पता चला था कि उत्तर कोरिया के कामगारों की एक साल की तनख्वाह तो उनको देने की बजाय उत्तर कोरिया की सरकार को ‘युद्ध की तैयारियों’ के लिए दिया जा चुका है। यह सुनकर उत्तर कोरियाई कामगार भड़क​ उठे और मारपीट पर उतर आए।

उत्तर कोरिया के कामगारों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने मैनेजरों से पूछताछ की। इस पर उन्हें पता चला था कि उत्तर कोरिया के कामगारों की एक साल की तनख्वाह तो उनको देने की बजाय उत्तर कोरिया की सरकार को ‘युद्ध की तैयारियों’ के लिए दिया जा चुका है। यह सुनकर उत्तर कोरियाई कामगार भड़क​ उठे और मारपीट पर उतर आए।

उन गुस्साए कामगारों सिलाई की मशीनों और बर्तनों को तोड़ना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, फैक्ट्री के उत्तर कोरियाए मैनेजरों को कमरे में बंद करके पीटा गया। हालांकि इन समाचारों को पुष्ट करने का कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि न तो चीन में और न ही उत्तर कोरिया में सरकारी स्तर पर किसी में इस बारे में मुंह खोलने की हिम्मत है। लेकिन इतना तो पक्का है कि चीन में मौजूद उन फ़ैक्ट्रियों के अंदर सुरक्षा का जबरदस्त बंदोबस्त किया हुआ है।

आंकड़े बताते हैं कि लगभग एक लाख उत्तर कोरियाई लोग दूसरे देशों में काम करने गए हुए हैं। इनमें से ज्यादातर उत्तर पूर्व चीन में कपड़े बनाने की फ़ैक्ट्रियों तथा इमारतों के निर्माण के काम में लगे हुए हैं। बताया यह भी गया है कि चीन में उन फ़ैक्ट्रियों को चलाने की जिम्मेदारी उत्तर कोरिया सरकार के पास है जो मजदूरों की पगार अपने अस्त्र बनाने में कर रही है। बताते हैं कि 2017 से 2023 के मध्य उन मजूदरों की मेहनत के बूते उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग को 74 करोड़ डॉलर की कमाई हुई है

Topics: मजूदरChinabonded labourप्योंगयांगचीनउत्तर कोरियाNorth Koreaviolencesalaryउपद्रव
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

एबीवीपी की राष्ट्र आराधना का मौलिक चिंतन : ‘हर जीव में शिव के दर्शन करो’

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं गए

BRICS से गायब शी जिनपिंग, बीजिंग में राष्ट्रपति Xi Jinping के उत्तराधिकारी की खोज तेज, अटकलों का बाजार गर्म

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies