China: सनसनीखेज खुलासा, बंधुआ मजदूरों जैसे काम कर रहे North Korea के लोग
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China: सनसनीखेज खुलासा, बंधुआ मजदूरों जैसे काम कर रहे North Korea के लोग

लगभग एक लाख उत्तर कोरियाई लोग दूसरे देशों में काम करने गए हुए हैं। इनमें से ज्यादातर उत्तर पूर्व चीन में कपड़े बनाने की फ़ैक्ट्रियों तथा इमारतों के निर्माण के काम में लगे हुए हैं

by WEB DESK
Feb 10, 2024, 03:29 pm IST
in विश्व
Representational Image

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चीन में बड़ी संख्या में काम कर रहे लोगों का ‘गुलामों जैसा शोषण’ होने के समाचार मिले हैं। चीन में उइगर मुसलमानों के दमन के समाचार तो अब दुनिया के कोने कोने तक पहुंच ही चुके हैं। लेकिन अब उत्तर कोरियाई लोगों को वहां बंधुआ मजदूरों की तरह काम में जुटाया हुआ है, यह जानकारी मीडिया के एक वर्ग में आने के बाद से चीन में मानवाधिकारों के जबरदस्त हनन की कलई खुलती जा रही है।

हालांकि इस संबंध में जानकारी गत माह आई थी, लेकिन अब पता चला है कि चीन में बंधुआ मजदूरी में लगे उत्तर कोरियाई लोगों ने मजदूरी दिए जाने पर अब मारपीट का रास्ता अपनाया है। उनका कहना है कि मजदूरी तो वे कर रहे हैं कि उनकी पगार हथियार बनाने के लिए उत्तर कोरिया की तानााशाह सरकार को पहुंचाई जा रही है। यह सुनकर चीन में काम कर रहे वे उत्तर कोरियाई मजदूर और अधिक गुस्से में हैं।

चीन सरकार का अपने यहां के उत्तर कोरियाई लोगों पर ऐसा मजबूत शिकंजा है कि उनके विरोध प्रदर्शन के समाचार बाहर नहीं आ पाते। लेकिन सूत्रों के अनुसार, वहां उत्तर कोरियाई कामगारों की बड़ी संख्या है और उनमें आक्रोश है कि काम के बदले उन्हें पगार नहीं दी जाती और उनका शोषण किया जा रहा है।

अभी यह पु​ष्ट नहीं हो पाया है कि पगार न मिलने पर उत्तर कोरिया के लोगों ने चीन में हिंसा की है कि नहीं, लेकिन इस समाचार से उन उत्तर कोरियाई लोगों की कुशलक्षेम को लेकर उनके परिजनों को चिंता होनी शुरू हो गई है। बीबीसी की खबर है कि पहले चीन में काम कर चुके उत्तर कोरियाई के एक कामगार का दावा है कि चीन में विरोध जताने वालों की मजदूरी रोक ली जाती है।

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चीन में काम कर चुके इसी कामगार ने बीबीसी का यह भी बताया कि चीन में उत्तर कोरिया के कामगारों को ‘ग़ुलामों’ जैसा मानकार उनके साथ वैसा ही ‘शोषण’ करने की बातें झूठ नहीं हैं। सूत्रों के रास्ते छनकर आई जानकारी के अनुसार, एक पूर्व उत्तर कोरियाई नेता का कहना था कि पिछले माह 11 जनवरी को उत्तर—पूर्वी चीन में चल रहीं ऐसी अनेक कपड़ा फ़ैक्ट्रियों में उपद्रव हुए थे जहां उत्तर कोरियाई लोग काम कर रहे हैं।

इस बारे में पता चला कि उत्तर कोरिया के कामगारों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने मैनेजरों से पूछताछ की। इस पर उन्हें पता चला था कि उत्तर कोरिया के कामगारों की एक साल की तनख्वाह तो उनको देने की बजाय उत्तर कोरिया की सरकार को ‘युद्ध की तैयारियों’ के लिए दिया जा चुका है। यह सुनकर उत्तर कोरियाई कामगार भड़क​ उठे और मारपीट पर उतर आए।

उत्तर कोरिया के कामगारों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने मैनेजरों से पूछताछ की। इस पर उन्हें पता चला था कि उत्तर कोरिया के कामगारों की एक साल की तनख्वाह तो उनको देने की बजाय उत्तर कोरिया की सरकार को ‘युद्ध की तैयारियों’ के लिए दिया जा चुका है। यह सुनकर उत्तर कोरियाई कामगार भड़क​ उठे और मारपीट पर उतर आए।

उन गुस्साए कामगारों सिलाई की मशीनों और बर्तनों को तोड़ना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, फैक्ट्री के उत्तर कोरियाए मैनेजरों को कमरे में बंद करके पीटा गया। हालांकि इन समाचारों को पुष्ट करने का कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि न तो चीन में और न ही उत्तर कोरिया में सरकारी स्तर पर किसी में इस बारे में मुंह खोलने की हिम्मत है। लेकिन इतना तो पक्का है कि चीन में मौजूद उन फ़ैक्ट्रियों के अंदर सुरक्षा का जबरदस्त बंदोबस्त किया हुआ है।

आंकड़े बताते हैं कि लगभग एक लाख उत्तर कोरियाई लोग दूसरे देशों में काम करने गए हुए हैं। इनमें से ज्यादातर उत्तर पूर्व चीन में कपड़े बनाने की फ़ैक्ट्रियों तथा इमारतों के निर्माण के काम में लगे हुए हैं। बताया यह भी गया है कि चीन में उन फ़ैक्ट्रियों को चलाने की जिम्मेदारी उत्तर कोरिया सरकार के पास है जो मजदूरों की पगार अपने अस्त्र बनाने में कर रही है। बताते हैं कि 2017 से 2023 के मध्य उन मजूदरों की मेहनत के बूते उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग को 74 करोड़ डॉलर की कमाई हुई है

Topics: उत्तर कोरियाNorth Koreaviolencesalaryउपद्रवमजूदरChinabonded labourप्योंगयांगचीन
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