देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड लागू करने के बिल को उत्तराखंड विधानसभा ने पारित कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिल पर अपना संबोधन जैसे ही समाप्त किया। इस बिल को पारित किए जाने की औपचारिकता को पूरा कर लिया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, जहां कॉमन सिविल कोड सामाजिक कानून व्यवस्था लागू हो जाएगी। कांग्रेस ने इस बिल को समर्थन तो दिया, लेकिन वो इसे प्रवर समिति के हवाले किए जाने की मांग अंत तक करते हुए सुबह से ही अपने विधायकों से व्यक्तव्य दिए। जैसे ही बिल को पास करने की बात शुरू हुई तो विपक्ष के नेता यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस ने बिल के विरोध किया।
अपने संबोधन में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कॉमन सिविल कोड के विषय में शुरू से आखिर तक की प्रक्रिया की जानकारी दी और कहा कि पूर्व जस्टिस रंजना देसाई की समिति को धन्यवाद दिया कि उसने राज्य की 10 फीसदी जनसंख्या की राय ली। उन्होंने स्पष्ट किया और प्रमाण दिए कि समिति ने विपक्ष को भी समिति ने पत्र द्वारा आमंत्रित किया था, लेकिन वो नहीं आए, इसलिए उनके पक्ष न सुने जाने के आरोप निराधार है। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड की देव तुल्य जनता का आभार है, जिसने कॉमन सिविल कोड के लिए अपना समर्थन हमारी सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता की बात करते हुए इस नए कानून को लागू करके हम एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राजा भागीरथ, पावन गंगा को धरती पर लेकर आए, मां यमुना का यहां से उदगम स्थल है। ये वीर भूमि है, बलिदान की धरती है, आज हम सबके लिए सभ्य और एक समान राज्य की कल्पना को साकार कर रहे हैं।
एक समान अधिकारों के साथ बढ़ रहे आगे
सीएम ने कहा कि एक मन से एक समान होकर श्रेष्ठ मन से आगे बढ़े, एक संविधान के साथ एक समान अधिकारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने विपक्ष से कहा कि ये काम अभी समाप्त भी नहीं हुआ, अभी ये शुरुआत है, ये संकल्प है जिसे हम सिद्धि तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समान समाज के लिए समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। सीएम धामी ने कहा कि समय बदल रहा है इसीलिए हमें नई सोच रखनी होगी। सीएम ने कहा कि राम हमारे आदर्श रहे हैं, जहां राम राज्य में सभी लोगों को मर्यादा की सीख मिली, जिसे हम हमेशा याद रखते हैं। सीएम के इस कथन पर विधायको द्वारा जय श्रीराम का जय घोष हुआ। सीएम ने भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर और श्याम प्रसाद ने इस कॉमल सिविल को़ड का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ये आजादी का अमृत काल है। उन्होंने कहा कि जो सत्य है वो सत्य है, जिसे स्वीकार करना होगा कि शाहबानो को, सायरबानो को अधिकारों के लिए कितना संघर्ष किया। सीएम ने कहा कि सामाजिक बुराइयों को छोड़ने का काम आज से शुरू होगा। उन्होंने पीएम मोदी के कथन का उल्लेख किया कि और वो कहा यही समय है जब हमे राष्ट्र हित के काम पूरे करने हैं। हम अपनी मातृ शक्ति को अपनी मां-बेटियों को बराबरी का हिस्सा दें। हम उन्हे सम्पूर्ण न्याय दें।
इस कानून को लागू करने में सबका पुण्य शामिल
सीएम धामी ने कहा कि इस कानून को लागू करने में सबका पुण्य शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति चलती रही, समाज को बांटने का काम चलता रहा, आजादी के दौरान जब संविधान निर्माताओं ने संविधान लिखा तब भी कॉमल सिविल कोड को अनुच्छेद 44 रखा और राज्यों को इस बारे में अधिकार दिए। इसलिए ड्राफ्ट कमेटी ने सभी विद्वानों से चर्चा कर इसका प्रारूप तैयार किया। उन्होंने कहा बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को तुष्टिकरण की राजनीति ने कहीं किनारे कर दिया। अब इस पर हम सब निर्णय ले रहे हैं।
पुरानी भूलों को सुधारने का काम
सीएम ने कहा कि पुरानी भूलों को सुधारने का काम हम कर रहे हैं। इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय ने भी कई बार सरकारों से समान नागरिक संहिता लागू करने को कहा था। कई महत्वपूर्ण सुझाव, राजनीति कारणों से किनारे रख दिए। धामी ने कहा कि ये राज्य मातृ शक्ति से संघर्षों से बना उनके बलिदानों के कारण राज्य का निर्माण हुआ, हम महिला सशक्तिकरण का काम आज कर रहे हैं, अनेकों देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने विकसित समाज विकसित भारत का संकल्प लिया है। उन्हीं के नेतृत्व में ट्रिपल तलाक, धारा 370 को हटाने का काम पूरा हुआ, उनके नेतृत्व में श्रीराम मंदिर का संकल्प पूरा हुआ। सीएम ने कहा युगों की प्रतीक्षा के बाद श्रीराम, अयोध्या में आ गए हैं।
राम युग शुरू होते ही नारी शक्ति कानून लागू
सीएम धामी ने कहा कि राम युग शुरू हुआ है, नारी शक्ति कानून लागू हुआ। ये राम का कार्य है, उन्होंने राम काज में गिलहरी के योगदान का उदहारण दिया और कहा कि हमारा सदन भी ऐसे इस जिम्मेदारी से विमुख हो सकता है। उन्होंने कहा ये विधेयक, आत्म निर्भर भारत के जो काम हो रहे हैं, उस यज्ञ में हमारी भी आहुति है। सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी की रिपोर्ट में जाति, धर्म, लिंग भेद करने वाले सभी कानून खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज में जाकर कमेटी ने संवाद किया, जनजातियों के संवैधानिक अधिकार कायम रखे हैं।
सभी के अधिकारों को किया गया संरक्षित
सीएम ने कहा कि हमारे राज्य की संस्कृति को संरक्षित रखा जाएगा। सभी बच्चों के अधिकार, सभी बुजुर्गो के अधिकार, संपत्ति में महिलाओं के अधिकारों को संरक्षित किया गया है। उन्होंने विवाह विच्छेद के सभी मामले अब कोर्ट में तय होंगे। सीएम ने कहा कि विवाह आयु निर्धारित कर दी गई है और बच्चियों को इससे सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम किसी को टारगेट नहीं कर रहें, बल्कि कुप्रथाओं का अंत कर रहे हैं रूढ़िवादी कानून खत्म हो जाएंगे और जो कानून तोड़ेगा इस पर जेल और दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हम समान नागरिक संहिता लागू करने वाले लोग हैं। ये इतिहास में दर्ज होने का समय है।
जरूरत होने पर इसमें भी करेंगे संशोधन
सीएम धामी ने कहा कि इस कानून को लागू करने में कोई दिक्कत न हो इस पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब जरूरत होगी राज्य के हित में हम इसमें संशोधन भी करेंगे। विवाह का पंजीकरण जरूरी है इससे महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी। संपत्ति के अधिकारों में समानता अब आगे से रहेगी। अपने लंबे भाषण में सीएम धामी ने कॉमल सिविल कोड के हर विषय की विस्तार से चर्चा की।मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया।
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